[ad_1]
02

हंसल मेहता ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “’शाहिद’, ‘ओमेर्टा’ और ‘फराज’ सिर्फ फिल्में नहीं थीं. वे उस समय के बारे में थीं, जिसमें हम रह रहे हैं, सांस ले रहे हैं. ये फिल्में राज्य प्रायोजित आतंक, कट्टरपंथ और युवाओं को बरगलाकर हिंसा में धकेलने के बारे में बात करती हैं.” (फोटो साभारः इंस्टाग्राम @hansalmehta)
[ad_2]
Source link