Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

युवाओं को बुजुर्ग बना रहे हैं सोनभद्र के क्रशर, इन गंभीर रोगों की चपेट में आ रहे हैं लोग

सोनभद्र: प्रदूषण देशभर में एक बड़ी समस्या है. फैक्ट्री औऱ वाहनों से होने वाले प्रदूषण के साथ ही विकास के नाम पर अधाधुंध तरकी से पेड़ों को काटा जाना प्रदूषण के बड़े कारण हैं. ऐसी-ऐसी जगहों पर लोगों ने प्रदूषण फैलाया जिन इलाकों में पर्याप्त मात्रा में जंगल हैं. सोनभद्र में इतना जंगल है कि इसे यूपी में सबसे अधिक जंगल वाला जिला भी कहा जाता है. इसके बाद भी यहां प्रदूषण ने लोगों की हालत खराब कर रखी है. सोनभद्र में खनन से होने वाले प्रदूषण ने लोगों की हालत खराब कर दी है.

बेरोकटोक चल रहे क्रशर प्लांट संचालकों की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जा रहा. न तो पानी का नियमित छिड़काव हो रहा है और न ही अन्य उपाय अपनाए जा रहे हैं. नतीजा धूल-मिट्टी के गुबार से वातावरण में स्मॉग की परत जमी हुई है. दिन में भी कोहरे जैसे हालात के चलते सांस की बीमारी से जुड़े लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है. वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार 100 से 150 के बीच बना हुआ है.

पर्यावरण मापदंडों के अनुसार खनन क्षेत्र में नियमित रूप से पानी का छिड़काव आवश्यक है. रात में क्रशर प्लांट के संचालन पर रोक लगाई गई है. बावजूद अधिकांश क्रशर प्लांट संचालक इसका पालन नहीं कर रहे हैं.

दमा, अस्थमा और फेफड़ों के मरीज बेहाल
वरिष्ठ चिकित्सक और ओबरा परियोजना चिकित्सालय के सीएमओ डॉ. एके गुप्ता का कहना है कि प्रदूषण के चलते रहवासियों में फेफड़ों की बीमारी बढ़ रही है. दमा, अस्थमा और त्वचा संबंधी गंभीर बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं. यह बीमारियां आगे चलकर जानलेवा साबित हो सकती हैं. क्रशर क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. क्रशर प्लांटों से निकल रहे प्रदूषण से मजदूरों को घातक फेफड़ों की बीमारी सिलिकोसिस की चपेट में आने की भी आशंका रहती है.

इस संबंध में लोकल 18 से खास बात चीत करते हुए वरिष्ठ पत्रकार राजेश गोस्वामी ने बताया कि सोनभद्र जनपद पर्यावरण की दृष्टि में यूपी का नंबर वन जनपद है क्योंकि इस जिले में ज्यादातर भूभाग पहाड़ों से आच्छादित है. बावजूद कुछ इलाका जैसे कि क्रशर प्लांट वाला क्षेत्र जहां के धूल से जन-जीवन अस्त-व्यस्त है. प्रदूषण नियंत्रण के नियमावली का पालन नहीं होने की वजह से यहां के लोग युवा अवस्था में ही बुजुर्ग होते जा रहे हैं और यह उड़ती धूल कई असाध्य बीमारियों की वजह बनती जा रही है.

Tags: Local18, Sonbhadra News

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment