[ad_1]
Last Updated:
Gonda: गोंडा जिले के ये युवा किसान सब्जी या अनाज नहीं बल्कि तंबाकू उगाते हैं. वे कहते हैं इस फसल में कम मेहनत लगती है और कम समय में मोटा मुनाफा होता है.
अरुण
गोंडा: उत्तर प्रदेश में कई चीजों की खेती होती है और किसान अलग-अलग फसलों की खेती से मोटा मुनाफा कमाते हैं. इसी क्रम में गोंडा जिले का ये युवा किसान तंबाकू की खेती कर रहा है. इससे इनकी बढ़िया कमाई भी हो रही है. बात हो रही है गोंडा जिले के विकासखंड नवाबगंज के ग्राम सभा कोठा के अरुण की जो 5 एकड़ में तंबाकू की खेती करके सालाना लाखों का टर्नओवर कर रहा है. आइए जानते हैं कैसे की जाती है तंबाकू की खेती.
कम मेहनत में ज्यादा फायदा
लोकल 18 से बातचीत के दौरान प्रगतिशील किसान अरुण निषाद बताते हैं कि वे हरि मंडी तंबाकू की खेती 5 एकड़ में कर रहे हैं. इससे इनका सालाना लाखों का टर्नओवर हो रहा है. अरुण बताते हैं कि तंबाकू की खेती करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है और लागत भी कम लगती है. इसके साथ ही आमदनी भी अच्छी होती है.
ग्रेजुएशन तक पढ़े हैं अरुण
अरुण निषाद बताते हैं कि उन्होंने बीए तक की पढ़ाई की है. उसके बाद उन्होंने 5 एकड़ में तंबाकू की खेती की शुरुआत की जिससे सालाना लाखों की इनकम हो रही है. अरुण बताते हैं कि वे हरि मंडी वैरायटी की तंबाकू बोते हैं. कुल मिलाकर अरुण पढ़े लिखे किसानों की कैटेगरी में आते हैं और ग्रेजुएशन पास हैं.
क्या तंबाकू की खेती के लिए बनवाना पड़ता है लाइसेंस
अरुण बताते हैं कि किसान को किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं बनवाना पड़ता है. हालांकि जो तंबाकू खरीदते हैं उनको लाइसेंस बनवाना पड़ता है. तंबाकू की सप्लाई गोरखपुर, देवरिया समेत कई जिलों में की जाती है. ठेकेदार जाकर खेत से ही तंबाकू को ले जाते हैं. अरुण पिछले तीन-चार साल से ये काम कर रहे हैं.
तंबाकू की खेती का विचार कैसे आया
अरुण बताते हैं कि उनके पिता भी तंबाकू की खेती करते थे. उन्हीं से प्रभावित होकर अरुण ने भी तंबाकू की खेती की शुरुआत की. तंबाकू की खेती की फसल तीन से चार महीने की होती है. इसमें किसान भाइयों को काफी अच्छा लाभ होता है. गोंडा का वातावरण और गोंडा जिले की मिट्टी तंबाकू की खेती के लिए अच्छी मानी जाती है और यहां का वातावरण तंबाकू की खेती के लिए काफी अनुकूल है.
[ad_2]
Source link