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Meerut Child Marriage: मेरठ में अक्षय तृतीया पर बाल विवाह आयोजित करने पर जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिला प्रोबेशन अधिकारी अतुल कुमार सोनी ने बताया कि बाल विवाह कराने पर 2 साल की जेल और 1 लाख का जुर्मा…और पढ़ें

सांकेतिक फोटो
हाइलाइट्स
- बाल विवाह कराने पर 2 साल की जेल और 1 लाख का जुर्माना लगेगा.
- बाल विवाह में शामिल होने पर भी कठोर कार्रवाई होगी.
- धार्मिक स्थल के पंडित, पुजारी, मौलवी पर भी कार्रवाई हो सकती है.
मेरठ: यूपी के मेरठ में अगर अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर बाल विवाह से संबंधित कोई भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तो ऐसे सभी लोगों पर जिला प्रशासन द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जेल के साथ आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा. यह जानकारी लोकल 18 से बातचीत करते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी अतुल कुमार सोनी ने कही.
2 साल तक की हो सकती है जेल
जिला प्रोबेशन अधिकारी/जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अतुल कुमार सोनी ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान के अन्तर्गत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना/कराना कानूनी अपराध है. यदि कोई नाबालिग का विवाह करता, कराता या उसमें शामिल होता है, तो उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इसमें सम्मिलित प्रत्येक व्यक्ति के विरूद्ध एक लाख रुपए का जुर्माना और 2 साल के कारावास का प्रावधान है. क्योंकि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह में किसी भी तरह की भागेदारी दंडनीय अपराध है.
इन लोगों पर भी हो सकती है कार्रवाई
जिला प्रोबेशन अधिकारी अतुल कुमार सोनी के अनुसार धार्मिक स्थल के पंडित, पुजारी, मौलवी एवं आर्य समाज मंदिरों, वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिन्टिंग प्रेस, टैन्ट व्यवसायी, मैरिज हॉल, बैण्ड बाजा, कैटर्स फोटोग्राफर, इत्यादि व्यक्तियों एवं संस्थाओं से भी अपेक्षा की है कि वैवाहिक आयोजन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि वधू की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो.
यदि कोई बाल विवाह का प्रकरण संज्ञान में आता है, तो उसकी सूचना सम्बन्धित थाना, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, वूमन पावर लाइन 1090 एवं महिला हेल्पलाइन 181 पर दी जाए. अगर यह सभी लोग जानबूझकर इस तरह के बाल विवाह में शामिल होते हैं, तो उनके विरोध भी नियमों के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि बीते साल अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर कुछ लोगों द्वारा इस तरह का प्रयास किया गया था. जिन पर विभाग द्वारा नियमों के अंतर्गत कार्रवाई की गई थी.
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