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Health tips : जंगल की देवी ने उन्हें पेट भरने के अलावा सर्दी से बचने के लिए विशेष भेंट दे रखा है.
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चित्रकूट. सर्दियों का मौसम पीक पर है. पाठा क्षेत्र के आदिवासियों के लिए ये समय काफी चुनौतीपूर्ण है. इस मौसम में उन्हें रोजगार की कमी और सर्दी के सितम दोनों का सामना करना पड़ता है. इन दोनों से निपटने के लिए आदिवासी जंगल की ओर निकल पड़ते हैं, जहां जंगल की देवी उन्हें पेट भरने के अलावा सर्दी से बचने के लिए एक विशेष सब्जी भेंट करती हैं. इस विशेष जंगली सब्जी का नाम है ‘केवाच’, जिसे आदिवासी सर्दियों में सब्जी के रूप में पकाकर खाते हैं.
इसकी खासियत
केवाच एक तरह की सब्जी है, जो जंगलों में मिलती है. ये पौधा इसी मौसम में बढ़ता है. इसके पत्तों में लगने वाले फल आदिवासी सब्जी की तरह पकाकर खाते हैं. वे इसे बड़े ही शौक और प्यार से खाते हैं. केवाच काफी पौष्टिक होता है. इसमें विटामिन, खनिज और फाइबर पाए जाते हैं, जो शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं. इससे आदिवासियों को ठंड के मौसम में जरूरी ऊर्जा मिलती है.
पौष्टिक आहार
मानिकपुर सरहट के रहने वाले राजन कोल ने लोकल 18 को बताया कि अधिकतर आदिवासी समाज के लोग केवच को अपने घर के पास ही उगाने लगे हैं. ये जंगलों में भी पाया जाता है. इसका सेवन आदिवासी सर्दियों के समय करते हैं. ये पौष्टिक आहार तो होता ही है, सर्दियों को शरीर से दूर रखता है.
Chitrakoot,Uttar Pradesh
January 15, 2025, 23:01 IST
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