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दिल्ली: राजधानी दिल्ली की गलियों में ऐसी छोले भटूरे की दुकानें छिपी हैं, जिनका स्वाद आज भी लोगों को दीवाना बना देती हैं. ये दुकानें 50 साल से भी ज्यादा पुरानी है, लेकिन स्वाद में आज भी वही पुरानी मिठास और मसालेदार ताजगी बनी हुई है. यहां स्वाद के दीवानों की सुबह से ही भीड़ लग जाती है.
दिल्ली में चाहे चांदनी चौक की भीड़ हो या करोल बाग की गलियां, यहां आपको ऐसी कई दुकानें मिलेंगी जो तीन पीढ़ियों से छोले भटूरे बना रही हैं. इन दुकानों पर सुबह से ही भीड़ लगने लगती है. गरमागरम, फूले हुए भटूरे और चटपटे मसालेदार छोले जब प्लेट में आते हैं, तो उनका सुगंध ही पेट में गड़गड़ाहट पैदा कर देती है.
दिल्ली के कुछ फेमस नामों की बात करें तो ‘लोटन के छोले कुलचे’, नंद दी हट्टी, जैसी दुकानें आज भी छोले भटूरों के स्वाद का असली मतलब समझाती हैं. खास बात यह है कि यहां ना तो कोई महंगा डेकोर है और ना ही 5 स्टार होटल जैसा माहौल, लेकिन खाने का स्वाद ऐसा कि एक बार चख लिया तो बार-बार आने का मन करेगा.
यहां के छोले में खास किस्म के मसाले और देसी घी का तड़का डाला जाता है, जिससे हर बाइट में एक अलग ही स्वाद आता है. भटूरे भी इतने नरम और हल्के होते हैं कि मुंह में घुल जाते हैं, लेकिन इनके अलावा भी दिल्ली के कई गलियों में ऐसे छोले भटूरे की खुशबू मिलती है, जिन्हें आपको एक बार जरूर ट्राई करना चाहिए तो चलिए आपको बताते हैं कि दिल्ली में और कौन-कौन सी फेमस छोले भटूरे की दुकानें हैं.
चाचे दी हट्टी
चाचे दी हट्टी में 2 तरह के छोले भटूरे सर्व किए जाते हैं, आलू वाले छोले भटूरे और सादे वाले छोले भटूरे. 1957 में शुरू की गई इस दुकान पर छोले भटूरों के साथ एड ऑन डिशेस भी मिलती हैं, जैसे प्याज, हरी मिर्च, तीखी हरी चटनी और मसाला और आलू शामिल हैं. यह डी-33, ब्लॉक जी, कमला नगर में है.
बाबा नागपाल कॉर्नर
बाबा नागपाल कॉर्नर के छोले भटूरे शहर के कुछ बेहतरीन छोले भटूरे के भोजनालय में से एक हैं. ये दुकान नारायण सोनी जी ने 1996 से शुरू की थी. इस दुकान की छोले भटूरे की खासियत है कि यहां के छोले भटूरे से आपको एसिडिटी की प्रॉब्लम नहीं होगी. वहीं, इस दुकान पर एक प्लेट छोले भटूरे के साथ चटनी, आचार, प्याज और लस्सी भी सर्व किया जाता है.
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