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कौशांबी के किसान अब ड्रोन तकनीक से फसलों पर दवा छिड़क रहे हैं, जिससे समय और मेहनत बच रही है. IFFCO कंपनी ने यह सुविधा शुरू की है, जिससे 10 मिनट में तीन एकड़ खेत में छिड़काव हो जाता है.

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ये है ड्रोन का कमाल! अब घंटों का काम मिनटों में निपटा रहें किसान, जानें कैसे?

खेतों में उड़ता ड्रोन

हाइलाइट्स

  • किसान ड्रोन से 10 मिनट में 3 एकड़ में दवा छिड़क सकते हैं.
  • ड्रोन तकनीक से समय और मेहनत की बचत होती है.
  • IFFCO कंपनी ने ड्रोन से दवा छिड़काव की सुविधा शुरू की.

कौशांबी: पहले किसान अपनी फसलों पर दवा छिड़कने के लिए कंधों पर भारी मशीनें उठाकर खेतों में जाते थे. इन मशीनों में 15 से 20 लीटर तक दवा भरनी पड़ती थी, जिससे ना सिर्फ समय ज्यादा लगता था, बल्कि किसानों को काफी मशक्कत भी करनी पड़ती थी. अब किसानों ने इस पुरानी परंपरा को छोड़कर नई तकनीक को अपनाना शुरू कर दिया है.
ड्रोन तकनीक से खेतों में दवा का छिड़काव करना किसानों को बेहद पसंद आ रहा है. इस नई तकनीक के जरिए किसान मात्र 10 मिनट में करीब तीन एकड़ खेत में दवा का छिड़काव कर सकते हैं. इससे किसानों का समय भी बचता है और मेहनत भी काफी कम हो गई है.

कम समय में निपट जाता है पूरा काम
पहले किसान दवा खरीदने के लिए दुकानों से भारी बोरी लेकर आते थे, जो लगभग 50 किलो तक की होती थी. फिर उसे खेतों तक पहुंचाकर छिड़काव करना पड़ता था, जिसमें बहुत समय और मेहनत लगती थी. लेकिन अब ड्रोन तकनीक से केवल 250 मिलीलीटर लिक्विड के साथ एक एकड़ खेत में छिड़काव किया जा सकता है. 10 मिनट में पूरा काम हो जाता है और किसान अपना बचा हुआ समय दूसरे जरूरी कामों में भी लगा सकते हैं.

किसानों ने भी सराहा 
सैनी थाना क्षेत्र के किसान शिवकुमार मौर्य ने बताया कि पहले एक बीघा खेत में दवा छिड़कने में एक घंटे तक का समय लगता था, लेकिन अब ड्रोन के जरिये मात्र 10 मिनट में काम पूरा हो जाता है. ड्रोन से दवा छिड़कने का भाड़ा भी बहुत कम है. एक बीघा खेत में छिड़काव करने के लिए किसानों को केवल ₹300 खर्च करने पड़ते हैं.

इंजीनियर मयंक मौर्य ने दी जानकारी
इंजीनियर मयंक मौर्य ने बताया कि खेतों में ड्रोन से दवा छिड़काव का काम IFFCO कंपनी की ओर से शुरू किया गया है. ड्रोन के जरिए दवा सीधे फसलों की पत्तियों पर असर करती है, जिससे परिणाम भी बेहतर मिलता है. पहले किसान यूरिया जैसी खाद की बोरियां उठाकर खेतों में छिड़काव करते थे, लेकिन अब लिक्विड फार्म में दवाइयों का इस्तेमाल होने लगा है, जो काफी आसान और फायदेमंद है.

किसानों को मिल रही राहत
ड्रोन की क्षमता लगभग 10 लीटर पानी की होती है, जिसमें दवा मिलाकर छिड़काव किया जाता है. एक एकड़ खेत में केवल 250 मिलीलीटर लिक्विड की जरूरत होती है. इससे किसानों की मेहनत घट गई है और अब उन्हें भारी बोरियों की जगह सिर्फ एक छोटे डिब्बे के साथ खेतों में काम करना पड़ता है.

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