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भारत में पनीर सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य उत्पाद बन गया है. नोएडा में 83% और कर्नाटक में 159 सैंपल असुरक्षित पाए गए. नकली पनीर में स्टार्च, सिंथेटिक दूध और डिटर्जेंट मिलाए जाते हैं.

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 83% पनीर सैंपल फेल हो गया है.
हाइलाइट्स
- भारत में पनीर सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य उत्पाद है.
- नोएडा में 83% और कर्नाटक में 159 सैंपल असुरक्षित पाए गए.
- नकली पनीर में स्टार्च, सिंथेटिक दूध और डिटर्जेंट मिलाए जाते हैं.
Paneer Being the Most Adulterated Food Item in India: शाकाहारी लोगों को लेकर अक्सर इस बात का मजाक बनाया जाता है कि शादी-पार्टी हो या फिर किसी रेस्तरां में खाना खाने जाना हो, शाकाहारी लोग एक डिश ‘पनीर’ की जरूर खाते हैं. ये तर्क भी दिया जाता है कि शाकाहारी लोगों के पास पनीर के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है. बात भी सही है. चाहे त्योहार हो, शादी या रोज़मर्रा का खाना, पनीर हर भारतीय रसोई का मुख्य हिस्सा बन गया है. लेकिन जिस पनीर को आप प्रोटीन का खजाना और लाजवाब स्वाद के लिए हर दिन खा रहे हैं, क्या वो खाने लायक है? आंकड़ों की मानें तो ऐसा बिलकुल नहीं है. भारत में पनीर सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य उत्पाद बन गया है.
जांच में आए चौंकाने वाले आंकड़े
हाल ही में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 122 पनीर सैंपल की जांच हुई. इनमें 83% गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे. जबकि 40% सैंपल सीधे तौर पर असुरक्षित पाए गए. यानी ये पनीर तो खाने लायक भी नहीं है. साउथ के हालात तो और भी गंभीर हैं. कर्नाटक में 163 सैंपल लिए गए, सिर्फ 4 ही सुरक्षित पाए गए. लखनऊ में 103 सैंपल जांचे गए, 50% असुरक्षित निकले. आंकड़े और भी हैरान करने वाले हैं. गुजरात में 1500 किलो नकली पनीर ज़ब्त किया गया. नासिक में 239 किलो और हैदराबाद में 600 किलो नकली पनीर पकड़ा गया है. यानी जिस पनीर को आप सेहत और स्वाद का खजाना मान रहे हैं, वही पनीर मिलावट की वजह से हमारी सेहत के लिए मुसीबत साबित हो रहा है.
क्या है नकली पनीर की सच्चाई?
शुद्ध पनीर ताजे दूध से बनाया जाता है. लेकिन पनीर की लगातार बढ़ती हुई खपत और डिमांड के चलते बाजार में नकली पनीर की भरमार है. वहीं असली पनीर बनाना महंगा पड़ता है, इसीलिए बाजार में ज्यादा लालच के लिए कुछ निर्माता लागत कम करने के लिए मिलावट करते हैं. पनीर एक ऐसा प्रोडक्ट है जो हर दुकान, सुपरमार्केट यहां तक की सब्जी की मंडियों में खुला भी बिक रहा है. ऐसे में इसपर निगरानी रखना बेहद मुश्किल हो जाता है. इस नकली पनीर का वजन बढ़ाने के लिए स्टार्च जैसी चीजें मिलाई जाती हैं. इसके अलावा नकली पनीर सिंथेटिक दूध, डिटर्जेंट, कॉस्टिक सोडा और फॉर्मलिन (जो शरीर को संरक्षित करने में इस्तेमाल होता है!) जैसी चीजें मिलाई जा रही हैं. हाल ही में मुंबई में गौरी खान के रेस्तरां ‘टोरी’ में एक कस्टमर ने नकली पनीर परोसे जाने की शिकायत की थी. हालांकि बाद में रेस्तरां ने अपनी सफाई भी पेश की थी.
खाद्य पदार्थों में हो रही इस मिलावट को आप सिर्फ जागरूकता के जरिए ही रोक सकते हैं. हर थाली में जो पनीर है, उसमें सिर्फ स्वाद नहीं बल्कि भरोसा भी होना चाहिए. स्थानीय दूधियों या ब्रांड्स जिनकी गुणवत्ता प्रमाणित हो, उनसे ही पनीर खरीदें. आप चाहें तो घर पर भी पनीर बना सकते हैं.
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