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हमारी दिनचर्या में कुछ ऐसी आदतें धीरे-धीरे घर बना लेती हैं, जिनका असर हमें तुरंत तो दिखाई नहीं देता, लेकिन अंदर ही अंदर ये हमारे शरीर के सबसे अहम हिस्से यानी दिमाग को नुकसान पहुंचा रही होती हैं. दिमाग एक ऐसा अंग है, जो हमारे सोचने, समझने, याद रखने और निर्णय लेने की क्षमता को नियंत्रित करता है. लेकिन अगर हम उसका सही ध्यान न रखें, तो यह कमजोर होने लगता है और समय से पहले उसकी कार्यक्षमता घट जाती है. कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि उम्र बढ़ने से पहले ही डिमेंशिया, भूलने की बीमारी, डिप्रेशन, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और यहां तक कि जान जाने का खतरा भी पैदा हो सकता है. आइए जानते हैं ऐसी तीन आदतों के बारे में जो हमारे दिमाग को खोखला कर सकती हैं और जिन्हें समय रहते सुधार लेना बेहद जरूरी है.

Toi की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे पहली आदत है नींद की कमी. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग काम, फोन, टीवी और सोशल मीडिया में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि नींद को सबसे कम प्राथमिकता देने लगते हैं. लेकिन यही आदत दिमाग की सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती है. जब हम पूरी नींद नहीं लेते, तो दिमाग को खुद को रीचार्ज करने का समय नहीं मिलता. इससे याद रखने की शक्ति कमजोर होती है, चिड़चिड़ापन बढ़ता है, निर्णय लेने की क्षमता घटती है और लंबे समय तक नींद की कमी ब्रेन स्ट्रोक और डिप्रेशन का कारण भी बन सकती है. इसलिए रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है.

दूसरी खतरनाक आदत है अधिक स्ट्रेस में रहना. थोड़ा-बहुत तनाव हर किसी की जिंदगी में होता है, लेकिन जब हम हर छोटी बात को दिल से लगाकर दिमाग पर बोझ बना लेते हैं, तो यह धीरे-धीरे ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचाने लगता है. लंबे समय तक बना रहने वाला स्ट्रेस दिमाग में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन को असंतुलित कर देता है, जिससे मानसिक संतुलन बिगड़ता है, चिंता बढ़ती है और ब्रेन की कार्यक्षमता कम होने लगती है. ज्यादा तनाव में रहने से नींद भी खराब होती है, भूख कम या ज्यादा लगती है, और यह शरीर की पूरी कार्यप्रणाली पर असर डालता है. तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग, समय पर ब्रेक लेना और मनपसंद गतिविधियों में खुद को शामिल करना बहुत मददगार हो सकता है.

तीसरी आदत है अस्वस्थ खानपान और जंक फूड का अधिक सेवन. आजकल लोग स्वाद के चक्कर में पोषण को नजरअंदाज कर देते हैं. तेल में तले हुए, बहुत मीठे या ज्यादा नमक वाले खाने से न केवल शरीर मोटा होता है, बल्कि दिमाग भी सुस्त पड़ने लगता है. प्रोसेस्ड फूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स में मौजूद केमिकल्स ब्रेन फंक्शन को प्रभावित करते हैं और न्यूरोलॉजिकल डिजीज़ का खतरा बढ़ा सकते हैं. इसके बजाय संतुलित आहार जैसे हरी सब्जियां, फल, नट्स, ओमेगा-3 युक्त फूड और पर्याप्त पानी पीने से दिमाग को ऊर्जा मिलती है और उसकी सेहत बनी रहती है. अगर आप इन तीन आदतों को समय रहते पहचानकर सुधार लेते हैं, तो न केवल आपका दिमाग तेज़ और सक्रिय रहेगा, बल्कि आप कई गंभीर बीमारियों से भी खुद को बचा पाएंगे.

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