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Yogic Management for Musculoskeletal Disorders : मो.दे.रा.यो.सं. ने 15 फरवरी 2024 को मस्कुलोस्केलेटल विकारों पर योग कार्यशाला आयोजित की. डॉ. काशीनाथ समगंडी ने योग और आयुर्वेदिक तकनीकों पर चर्चा की. मधु खुराना …और पढ़ें

योग से करें मांसपेशियों और हड्डियों के दर्द का मैनेजमेंट, मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ योगा ने आयोजित की कार्यशाला

योग के फायदे

हाइलाइट्स

  • मोरारजी देसाई योग संस्थान ने MSD पर कार्यशाला आयोजित की.
  • डॉ. समगंडी ने योग और आयुर्वेदिक तकनीकों पर चर्चा की.
  • मधु खुराना ने व्यावहारिक सत्र का नेतृत्व किया.

Yogic Management for Musculoskeletal Disorders : मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (मो.दे.रा.यो.सं.) ने 15 फरवरी, 2024 को मस्कुलोस्केलेटल विकारों (एमएसडी) के योग प्रबंधन पर एक जानकारीपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला का उद्देश्य लोगों को मांसपेशियों और हड्डियों के दर्द और योग के प्राचीन एवं वैज्ञानिक अभ्यासों के ज़रिए उनके प्रभावी मैनेजमेंट के बारे में जागरूक करना था.

कार्यक्रम की शुरुआत में, डॉ. आई. एन. आचार्य ने मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम की संरचना और कार्यप्रणाली और इससे जुड़े विभिन्न विकारों पर प्रकाश डाला.

ऑनलाइन माध्यम से आयोजित दूसरे सत्र में, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक डॉ. काशीनाथ समगंडी ने मस्कुलोस्केलेटल विकारों से निपटने के लिए यौगिक और आयुर्वेदिक तकनीकों पर चर्चा की. उन्होंने भगवद्गीता के श्लोक ‘युक्ताहार विहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु’ का उदाहरण देते हुए स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार के महत्व पर ज़ोर दिया, जिससे मांसपेशियों की ताकत बनी रहती है.

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डॉ. समगंडी ने बताया कि कम ब्लड सर्कुलेशन, शरीर में विषाक्त पदार्थों का बढ़ना और मधुमेह या हर्निया जैसी बीमारियां मस्कुलोस्केलेटल विकारों का कारण बन सकती हैं. उन्होंने बताया कि कैसे आसन, प्राणायाम और उचित नींद, विषाक्त पदार्थों को निकालने, मांसपेशियों को मजबूत बनाने और दर्द निवारक एंडोर्फिन को रिलीज़ करने में मदद करते हैं.

डॉ. समगंडी ने हरी पत्तेदार सब्जियां, जामुन, मेवे आदि से भरपूर आहार की सलाह दी. साथ ही उन्होंने अदरक पाउडर, हल्दी, जीरा आदि से औषधीय पानी तैयार करने की विधि भी बताई जो दर्द से राहत दिलाने में सहायक है.

योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. समगंडी ने कहा, ‘मोदीरा योसं में, हम संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण के लिए योग की शक्ति का उपयोग करते हैं. आज की जीवनशैली में मस्कुलोस्केलेटल विकार एक बढ़ती हुई चुनौती बन गए हैं. इस कार्यशाला के माध्यम से, हमारा उद्देश्य लोगों को दर्द प्रबंधन और बेहतर गतिशीलता के लिए योग को अपने जीवन में शामिल करने के लिए प्रेरित करना है.’

कार्यशाला का समापन योग चिकित्सक, मधु खुराना के नेतृत्व में एक व्यावहारिक सत्र के साथ हुआ, जिसमें योग चिकित्सा के माध्यम से आसन सुधार, मांसपेशियों को मजबूत बनाने और ध्यानपूर्वक सांस लेने के माध्यम से तनाव प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया. योग प्रशिक्षक सुंदर राजू ने तकनीकों को समझाने के लिए एक जीवंत प्रदर्शन किया.

भुजंगासन, ताड़ासन, अर्ध चक्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, मार्जरी आसन, सेतु बंधासन, पवन मुक्तासन, मर्कटासन, कटि चक्रासन, वक्रासन जैसे आसनों का अभ्यास मांसपेशियों और हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. योग चिकित्सा शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मस्कुलोस्केलेटल विकारों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

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योग शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान के रूप में, मोदीरा योसं योग-आधारित विषयों को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवा में एकीकृत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. संस्थान नियमित रूप से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं आदि आयोजित करता है.

दैनिक जीवन में सरल योग अभ्यासों को शामिल करके, व्यक्ति दवा पर निर्भरता कम कर सकते हैं और अपने संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं.

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योग से मांसपेशियों, हड्डियों के दर्द में राहत, मो.दे.रा.यो.सं. में हुई वर्कशॉप

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