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राजकोट: जब भी राजकोट से अहमदाबाद के लिए चांदी और नकली आभूषणों से लदी वैन रवाना होती है, तो कारोबारी अल्पेश देठरिया की रातों की नींद उड़ जाती है. उनका डर अकारण नहीं है फरवरी 2023 में सात नकली पुलिसकर्मियों ने सयला के पास 1,700 किलो कीमती जेवरात से लदी वैन लूट ली थी. यह घटना राजकोट के ज्वेलरी कारोबारियों के लिए एक डरावना सबक बन गई. जिसकी दहशत आज भी फैली हुई है.

राजकोट देश में चांदी और नकली आभूषण निर्माण का प्रमुख केंद्र है. यहां से रोजाना 10–12 टन जेवरात पूरे देश में भेजे जाते हैं, जिनकी बड़ी खपत बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में होती है. मगर राजकोट से अहमदाबाद एयरपोर्ट तक करीब 220 किलोमीटर की दूरी तय करना व्यापारी की मजबूरी बन गई है. वजह? नवनिर्मित राजकोट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अभी तक कार्गो सेवा चालू नहीं हुई है. वहीं पुराना एयरपोर्ट, जहां से पहले सारे पार्सल भेजे जाते थे, बंद हो चुका है.

इस हालात में व्यापारियों को सड़क मार्ग ही अपनाना पड़ रहा है, जो न सिर्फ खर्चीला है बल्कि खतरनाक भी. हाईवे पर लगातार हो रही लूट की घटनाओं ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है. व्यापारी न केवल थक चुके हैं बल्कि अब उन्हें हर ट्रिप के लिए सुरक्षा गार्ड और बीमा पर भी मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है. अल्पेश देठरिया बताते हैं, ‘हमारे चार-चार मालवाहक वैन रोज अहमदाबाद जाते हैं. हर वैन पर हम ₹15,000 खर्च करते हैं. इसमें बीमा और हथियारबंद सुरक्षा शामिल है. जबकि लॉजिस्टिक कंपनियां सुरक्षा गार्ड को ₹50,000 सैलरी देती हैं, जो आखिरकार हमारे ही सिर आता है.’

लॉजिस्टिक कंपनी के मालिक पिंटू सिंह कहते हैं, ‘अब हर शिपमेंट के लिए हमें एक मिनी ट्रक किराए पर लेना होता है, हथियारबंद गार्ड लगाने होते हैं और बीमा भी कराना पड़ता है. पहले जब पुराना एयरपोर्ट चालू था, तब की तुलना में अब एक ट्रिप पर ₹20,000 ज्यादा खर्च आता है.’ इस संकट को सुलझाने के लिए व्यापारियों और लॉजिस्टिक कंपनियों ने सांसदों और एयरपोर्ट अधिकारियों से मांग की है कि जब तक कार्गो टर्मिनल शुरू नहीं होता, तब तक पैसेंजर गेट से अस्थायी तौर पर कार्गो की इजाजत दी जाए, जैसे भुज और जामनगर एयरपोर्ट्स पर होता है.

लेकिन एयरपोर्ट निदेशक दिगंता बोरा ने का कहना है कि, ‘पैसेंजर गेट से कार्गो भेजना मुमकिन नहीं है. हर कार्गो को फ्लाइट से चार घंटे पहले लोड करना होता है, उस दौरान यात्रियों की आवाजाही संभव नहीं. फिलहाल यहां 11-12 शेड्यूल्ड और कई अनशेड्यूल्ड फ्लाइट्स होती हैं, ऐसे में पैसेंजर टर्मिनल से कार्गो भेजना मुश्किल है.’ सितंबर 2023 में शुरू हुआ अस्थायी टर्मिनल केवल सीमित उड़ानों के लिए था, जो पहले कार्गो के लिए प्रस्तावित था. फरवरी 2025 में नया पैसेंजर टर्मिनल चालू हुआ, लेकिन कार्गो सुविधाएं अब भी अधूरी हैं.

एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, कार्गो ऑपरेशन शुरू करने के लिए एक्स-रे स्कैनर, सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर और तमाम मंजूरियों की जरूरत है. यह सब प्रक्रिया में है, लेकिन कब तक पूरी होगी, इसका कोई साफ जवाब नहीं है.

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