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Ramnavami in chitrakoot : प्रभु श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में इस पर्व पर अद्भुत और अलौकिक चीजें देखने को मिलीं. यहां मां मंदाकिनी से लेकर पूरे चित्रकूट धाम में लाखों दीप टिमटिमा रहे थे. हर कोना देखने वाला था…और पढ़ें

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रामनवमी पर दुल्हन बना चित्रकूट, अप्रैल में मनाई दीपावली, मंदाकिनी नदी में अनूठा दान

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हाइलाइट्स

  • चित्रकूट में रामनवमी पर 22 लाख दीप जलाए गए.
  • भक्तों ने मां मंदाकिनी में दीपदान किया.
  • यहां रामनवमी ‘चित्रकूट गौरव दिवस’ के रूप में मनाई गई.

चित्रकूट. चैत्र नवरात्रि का समापन रामनवमी के पावन पर्व के साथ होता है. ये दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है. रामनवमी आज देशभर में धार्मिक अनुष्ठानों, भजन-कीर्तन और शोभायात्राओं के रूप में मनाई गई. प्रभु श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में इस पर्व का अद्भुत और अलौकिक नजारा देखने को मिला. यहां मां मंदाकिनी के पवित्र तट से लेकर पूरे चित्रकूट धाम परिक्षेत्र में 22 लाख दीप जलाए गए. इन दीपों की जगमग रोशनी ने पूरे वातावरण को राममय कर दिया. दीपदान की इस अनुपम छटा ने श्रद्धालुओं के मन में भक्ति का ऐसा भाव भरा कि हर कोई इस अद्भुत नजारे को अपनी आंखों में समेट लेना चाहता था.

लगा रहा तांता 

रामनवमी के अवसर पर चित्रकूट के सभी प्रमुख मंदिर और मठ दुल्हन की तरह सजाए गए. हर कोने में झालरें, फूलों की मालाएं और रंग-बिरंगी लाइटों की सजावट का भव्य नजारा देखने को मिला. रामघाट से लेकर कामदगिरि परिक्रमा पथ तक हर स्थान पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. भक्तों ने पूरे श्रद्धा भाव से प्रभु श्रीराम की पूजा-अर्चना की और राम जन्मोत्सव में शामिल होकर मां मंदाकिनी नदी में दीप दान किया.

अनगिनत कतारें, गूंजते भजन
देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने रामघाट पर आकर मां मंदाकिनी के पवित्र जल में स्नान किया और फिर दीपदान कर भगवान श्रीराम से सुख-शांति और समृद्धि की कामना की. प्रयागराज और बनारस सहित अन्य जगहों से आए भक्तों ने कहा कि उन्होंने पहले कभी ऐसा दृश्य चित्रकूट में नहीं देखा. दीपों की अनगिनत कतारें, गूंजते भजन और वातावरण में घुलती भक्ति की भावना ने उन्हें भाव-विभोर कर दिया.

चित्रकूट का गौरव

जिलाधिकारी शिवशरण अप्पा जीएन ने बताया कि आज रामनवमी के पर्व पर चित्रकूट के प्रमुख मठ मंदिरों से लेकर रामघाट के तट में दीप प्रज्वलित किया गया. लोगों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. रामघाट पर हमने भी दीप प्रज्वलित किया. चित्रकूट में राम नवमी का पर्व ‘चित्रकूट गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.

यहीं से मिली रावण वध की शक्ति

भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवनदास ने बताया कि रामनवमी का पर्व चित्रकूट के लिए इसलिए खास है क्योंकि प्रभु श्री राम ने अपने वनवास काल का 11:30 वर्ष यही बिताया था. श्री राम को चित्रकूट से ही शक्ति मिली. इसी से वो रावण का वध कर पाए. आज रामघाट के तट पर 21 लाख दीप प्रज्वलित किए गए.

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दुल्हन बना चित्रकूट, अप्रैल में मनाई दीपावली, मंदाकिनी नदी में अनूठा दान

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