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Raipur Food: महक नाश्ता पॉइंट में दो पीस इडली के लिए आपको सिर्फ 20 रुपये देने होंगे. सांभर-बड़ा 25 रुपये, डोसा 30 रुपये और उत्तपम 40 रुपये प्रति प्लेट है. कम कीमत के बावजूद रोहन हर रोज करीब 4000 रुपये तक की आमदन…और पढ़ें

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सुबह-सुबह पोहा और जलेबी की खुशबू के बीच अब साउथ इंडियन व्यंजनों की भी खास जगह बन गई है. जहां एक ओर वर्षों से पोहा-जलेबी लोगों की पहली पसंद रहे हैं, वहीं अब डोसा, इडली, उत्तपम और सांभर-बड़ा जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन भी रायपुरियंस की सुबह को स्वाद से भर रहे हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको रायपुर की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां बहुत ही टेस्टी साउथ इंडियन नाश्ता मिलता है. गोल चौक के पास स्थित ‘महक नाश्ता पॉइंट’ सुबह के नाश्ते में स्वाद, स्वास्थ्य और बजट का बेहतरीन मेल बन चुका है. इस स्टॉल के संचालक रोहन ने लोकल 18 को बताया कि वह पिछले चार साल से यह स्टॉल चला रहे हैं और लोगों को साउथ इंडियन फूड परोस रहे हैं.

उन्होंने कहा कि दुकान सुबह 6 बजे खुल जाती है और 6:30 बजे से इडली, डोसा, उत्तपम और सांभर-बड़ा सर्व किया जाता है. खास बात यह है कि यहां खाना न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि कीमत भी बहुत कम रखी गई हैं ताकि इलाके में बड़ी संख्या में रहने वाले स्टूडेंट्स और सीनियर सिटीजन को आसानी से बेहतर नाश्ता उपलब्ध हो सके. यहां दो पीस इडली 20 रुपये, सांभर-बड़ा 25 रुपये, डोसा 30 रुपये और उत्तपम 40 रुपये प्रति प्लेट मिलता है. इन सस्ती दरों के बावजूद रोहन रोजाना करीब 4000 रुपये तक की आमदनी कर लेते हैं, जो छोटे स्तर पर कारोबार शुरू करने वालों के लिए एक प्रेरणा है.

डोसा या इडली जैसा हल्का फूड अच्छा विकल्प
यह इलाका वैसे भी स्टूडेंट्स हब के तौर पर जाना जाता है. पास में कई कोचिंग सेंटर, छात्रावास और रिहायशी कॉलोनियां हैं, जहां सुबह जल्दी उठकर नाश्ता करने की जरूरत होती है. ऐसे में ‘महक नाश्ता पॉइंट’ जैसे स्टॉल सुबह 6:30 से दोपहर 12 बजे तक सेवा देकर सभी की जरूरत को पूरा कर रहे हैं. रोहन बताते हैं कि हमारा मकसद सिर्फ कमाई नहीं बल्कि लोगों को स्वादिष्ट और सेहतमंद खाना उपलब्ध कराना भी है. खासतौर पर बुजुर्ग लोग अक्सर तला-भुना खाने से बचते हैं, तो उनके लिए डोसा या इडली जैसा हल्का फूड एक अच्छा विकल्प होता है.

रायपुर के नाश्ता कल्चर में बदलाव
गौरतलब है कि रायपुर के नाश्ता कल्चर में अब धीरे-धीरे बदलाव दिखने लगा है. जहां पहले पोहा, समोसा और जलेबी का बोलबाला था, अब वहां साउथ इंडियन व्यंजन अपनी जगह बना चुके हैं. महक नाश्ता पॉइंट जैसे स्टॉल इस बात का उदाहरण हैं कि यदि गुणवत्ता, स्वाद और किफायती कीमत का संतुलन बना हो, तो छोटे व्यापार भी बड़ी पहचान बना सकते हैं. साफ-सफाई और टाइमिंग का ध्यान रखने वाले रोहन जैसे उद्यमियों की बदौलत रायपुर की सुबह अब और भी ज्यादा स्वादिष्ट और हेल्दी हो गई है.

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रायपुर में करना है साउथ इंडियन नाश्ता? इससे सस्ता और स्वादिष्ट कहीं नहीं

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