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Agency:News18 Uttar Pradesh

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आनंद मिश्रा ने मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर बागवानी अपनाई और नींबू की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं. वे अब “लेमन मैन” के नाम से जाने जाते हैं और खुद के मालिक हैं.

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रायबरेली के लेमन मैन… मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ शुरू की बागवानी, अब कमा रहे लाखों

बागवानी में काम करते लेमन मैन आनंद मिश्र 

हाइलाइट्स

  • आनंद मिश्रा ने नौकरी छोड़ बागवानी अपनाई.
  • नींबू की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं.
  • आनंद को “लेमन मैन” के नाम से जाना जाता है.

रायबरेली: जहां चाह, वहां राह”—यह कहावत रायबरेली के आनंद मिश्रा पर पूरी तरह से फिट बैठती है. कभी मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर के रूप में लाखों का पैकेज लेने वाले आनंद ने अपनी नौकरी छोड़कर बागवानी की राह चुनी. आज वे न केवल खुद के मालिक हैं, बल्कि अपनी मेहनत से बागवानी के क्षेत्र में नई मिसाल भी कायम कर चुके हैं.

नौकरी छोड़ी, खेती अपनाई
रायबरेली के डीह थाना क्षेत्र के कचनावां गांव निवासी आनंद मिश्रा बिहार में एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर मैनेजर कार्यरत थे. लेकिन वहां उनका मन नहीं लग रहा था. 2014 में उन्होंने अपनी 6 लाख रुपये सालाना पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी और अपने गांव लौट आए. शुरुआत में उन्होंने पारंपरिक खेती—धान और गेहूं—करनी चाही, लेकिन इसमें उन्हें उम्मीद के मुताबिक मुनाफा नहीं हुआ.

बागवानी की बदली तस्वीर
इसके बाद आनंद ने रायबरेली के दरियापुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क किया, जहां विशेषज्ञों ने उन्हें बागवानी करने की सलाह दी. उन्होंने 3 एकड़ जमीन पर नींबू और अमरूद की खेती शुरू की, जिससे अब वे सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं.

नींबू की उन्नत प्रजातियों की खेती
आनंद मिश्रा न केवल नींबू की खेती करते हैं, बल्कि आम, आंवला, कटहल, अंजीर, स्टार फ्रूट, करौंदा, अनार, मौसंबी और चीकू जैसे कई अन्य फलों की भी खेती करते हैं. उनके बागान में नींबू की आधा दर्जन से अधिक उन्नत प्रजातियाँ उगाई जाती हैं, जिनमें एनआरसी 8, कागजी, प्रमालिनी, साई सरबती, कागजी रसभरी, मैक्सिकन, बालाजी और कोलकत्ता पत्ती शामिल हैं.

कम लागत, अधिक मुनाफा
आनंद बताते हैं कि नींबू की एक एकड़ फसल तैयार करने में 40 से 50 हजार रुपये तक का खर्च आता है, लेकिन इसकी सालाना कमाई लाखों में पहुंच जाती है. वे पिछले सात वर्षों से बागवानी कर रहे हैं और अब उन्हें “लेमन मैन” के नाम से जाना जाता है.

“अब मैं खुद का मालिक हूँ”
लोकल-18 से बातचीत में आनंद ने कहा, “शुरुआत में यह सफर आसान नहीं था, लेकिन मेहनत और लगन से इसे सफल बना दिया. अब मैं किसी के अधीन नहीं हूँ, खुद का मालिक हूँ और नौकरी से कहीं ज्यादा कमा रहा हूँ.”

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मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ शुरू की बागवानी, अब कमा रहे लाखों

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