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अमेठी की मंगलेश प्रजापति ने यूपी बोर्ड में 95% अंक हासिल कर डिस्ट्रिक्ट टॉप 10 में जगह बनाई. राहुल गांधी ने मुलाकात कर मदद का आश्वासन दिया. मंगलेश का सपना बड़ी अधिकारी बनकर समाज सेवा करना है.

टॉपर मंगलेश प्रजापति
हाइलाइट्स
- मंगलेश प्रजापति ने यूपी बोर्ड में 95% अंक हासिल किए.
- राहुल गांधी ने मंगलेश को गिफ्ट और मदद का आश्वासन दिया.
- मंगलेश का सपना बड़ी अधिकारी बनकर समाज सेवा करना है.
अमेठी: अमेठी जिले के डेहरा शुकुलपुर गांव की रहने वाली मंगलेश प्रजापति ने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से यह साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल रास्ता रोक नहीं सकता. काली इंटर कॉलेज, गोरखापुर विशेश्वरगंज के दसवीं कक्षा की छात्रा मंगलेश ने यूपी बोर्ड में 95% से अधिक अंक हासिल कर डिस्ट्रिक्ट में टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है. उनकी सफलता ने ना केवल उनके परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया, बल्कि पूरे क्षेत्र को भी प्रेरित किया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने की मुलाकात
मंगलेश की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद मिली सफलता ने उन्हें अमेठी जिले में पहचान दिलाई है. एक तरफ जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक दिन पहले उनसे मुलाकात कर उन्हें कई गिफ्ट्स दिए और भविष्य में हर संभव मदद का आश्वासन दिया. इसके अलावा, मंगलेश को उनके विद्यालय परिवार और क्षेत्र के लोगों की ओर से भी जमकर बधाइयां मिल रही हैं.
मंगलेश के संघर्ष की कहानी
मंगलेश प्रजापति के पिता अमरनाथ प्रजापति दिहाड़ी मजदूरी करते हैं और परिवार का पालन-पोषण करते हैं. मंगलेश की कड़ी मेहनत और संघर्ष के साथ ही उनके माता-पिता ने हमेशा उनका समर्थन किया. मंगलेश ने बताया कि उनके घर में संसाधनों की कमी थी और अक्सर अंधेरे में पढ़ाई करनी पड़ती थी, लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया और पूरा साथ दिया, जिससे आज वह इस मुकाम तक पहुंची हैं.
मंगलेश का सपना है कि वह एक बड़ी अधिकारी बनकर समाज की सेवा करें. बताया कि राहुल गांधी ने उन्हें गांव में एक लाइब्रेरी खुलवाने का आश्वासन दिया है. इसके अलावा उनकी ओर से आने वाले समय में मदद करने का वादा भी किया है.
मंगलेश के पिता के संघर्ष
मंगलेश के पिता अमरनाथ प्रजापति ने बताया कि पहले वह सिलाई का काम करते थे, लेकिन उनके साथ हुए एक हादसे के बाद वह काम करने में असमर्थ हो गए. इसके बाद वह दिहाड़ी मजदूरी करने लगे. हालांकि, यह काम अस्थिर था, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी बेटियों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. मंगलेश सहित उनकी पांच बेटियों की पढ़ाई कराना उनके लिए एक बड़ा संघर्ष था, लेकिन उनका मानना है कि यही संघर्ष उनके बच्चों को सफलता दिलाएगा.
विद्यालय का भी मिला साथ
विद्यालय के प्राचार्य मनीष सिंह ने बताया कि विद्यालय में बच्चों को न केवल पढ़ाई के लिए मोटिवेट किया जाता है, बल्कि उन्हें कई तरह की मोटिवेशनल एक्टिविटीज से भी जोड़ा जाता है. मंगलेश की सफलता पर विद्यालय परिवार बेहद खुश है. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन मंगलेश का पूरा सहयोग करेगा. साथ ही कहा कि अगर कोई बच्चा इसी तरह से विद्यालय का नाम रोशन करेगा और वह आगे की पढ़ाई करने का सामर्थ्य नहीं रखता है तो उसकी पढ़ाई फ्री कराई जाएगी, ताकि वह और भी आगे बढ़ सके।
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