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Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में सपना मीणा की हत्या केस को पुलिस ने आठ दिन में सुलझाया. आरोपी बालुराम मीणा ने आर्थिक तंगी में सपना की गला घोंटकर हत्या की थी. पुलिस टीम की तकनीकी जांच अहम रही.

चंचल कुमार सनाढ्य/प्रतापगढ़. जिले में कुछ दिन पहले खेत में मिली महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. प्रतापगढ़ पुलिस ने मात्र आठ दिन में इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझा लिया है. खेरोट और विराचली के बीच एक सुनसान खेत में महिला की लाश मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. मृतका के गले में सफेद गमछा बंधा हुआ था, जिससे साफ था कि उसकी गला घोंटकर हत्या की गई है. महिला की पहचान घंटाली निवासी सपना मीणा के रूप में हुई थी. सपना के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी.
एसपी बी. आदित्य के निर्देशन में पुलिस ने इस मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए विशेष टीम गठित की. पुलिस ने 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले और तकनीकी जांच के आधार पर संदिग्धों की तलाश शुरू की. आखिरकार पुलिस को एक अहम सुराग मिला और आरोपी की पहचान घंटाली निवासी बालुराम मीणा के रूप में हुई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की, जिसमें उसने जुर्म कबूल कर लिया. आरोपी ने बताया कि वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था और उसने सपना मीणा से उधार के रूप में पैसे लिए थे. उसने सपना के गहने गिरवी रखवाकर पैसे हड़प लिए थे. जब सपना ने अपने पैसे वापस मांगे तो बालुराम ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली. उसने सपना को रुपये दिलवाने का झांसा देकर सुनसान खेत में बुलाया और वहां गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. वारदात के बाद वह मौके से फरार हो गया था.
महिला के पास मोबाइल फोन नहीं होने के कारण जांच शुरू में काफी मुश्किल रही, लेकिन पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और आसपास के कैमरों की मदद से केस सुलझा लिया. इस खुलासे में थानाधिकारी प्रतापगढ़ दीपक बंजारा और साइबर सेल टीम की भूमिका अहम रही. एसपी बी. आदित्य ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उससे वारदात से जुड़ी कई और जानकारियां जुटाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस केस को बेहद गंभीरता से लेते हुए जिस तेजी से सुलझाया है, वह टीम की मेहनत और तकनीकी दक्षता का परिणाम है.
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
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