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Agency:News18 Uttar Pradesh
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Seagull birds in Ghazipur : ये पक्षी हर साल रूस की सर्दियों से बचने के लिए हजारों किलोमीटर का सफर तक भारत आते हैं. इन दिनों में रूस में भीषण ठंड से नदियां जम चुकी हैं और इनके लिए भोजन खोजना मुश्किल हो चुका है.
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गंगा किनारे आए सफेद-नीले परिंदे! रूस से आए सीगल का जादू देखें
हाइलाइट्स
- गाजीपुर के सैदपुर गंगा घाट पर सीगल पक्षियों का जमावड़ा.
- रूस की सर्दियों से बचने के लिए सीगल पक्षी भारत आते हैं.
- इस साल सीगल की संख्या कम, लेकिन आकर्षण बरकरार.
गाजीपुर. इन दिनों इस साल भी गाजीपुर का सैदपुर गंगा घाट परिदों से गुलजार है. यहां विदेशी मेहमानों का जमावड़ा देखते ही बन रहा है. इस बार भी सीगल पक्षी यहां आकर्षण चुरा रहे हैं. गंगा की लहरों पर उड़ते और घाटों पर चारा झपटते ये खूबसूरत पक्षी हर साल रूस, कजाकिस्तान और अफगानिस्तान से हजारों किलोमीटर का सफर तय करके गाजीपुर के सैदपुर गंगा घाट आते हैं. ये केवल अपनी सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि ये अपनी कलाबाजी और टीम परफॉर्मेंस के लिए भी मशहूर हैं. सीगल ऐसा समुद्री पक्षी है जो पानी में पैडल मारने और हवा में उड़ने के साथ-साथ जमीन पर भी आसानी से चल सकता है.
गंगा की शांत हवा और पानी का आनंद लेने सफेद-नीले सीगल पक्षी हर साल एक ही जगह लौटते हैं. रूस की सर्दियों से खुद को बचाने के लिए ये परिदें हजारों किलोमीटर दूर भारत आते हैं. इनकी शरणस्थली बन चुका गंगा घाट, जहां हर साल इनकी वापसी होती है.
हालांकि इस साल विदेशी मेहमान थोड़े कम आए हैं. यहां इस बार सीगल पक्षियों की संख्या कम नजर आ रही है, लेकिन जो भी आए हैं, वे घाटों की रौनक को बढ़ा रहे हैं. लोग इनको चारा खिलाकर इनकी उड़ानों का मजा ले रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या और बढ़ेगी. परंपरागत रूप से सीगल चट्टानों और रेत के टीलों पर घोंसला बनाते हैं.
Ghazipur,Uttar Pradesh
January 30, 2025, 21:25 IST
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