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अंग्रेजी में एक मशहूर कहावत है-Health is wealth यानी सेहत ही असली धन है. नए साल पर लोग वजन कम करने, जिम जाने, एक्सरसाइज करने और डाइट पर कंट्रोल करने का तो रेजोल्यूशन लेते हैं लेकिन खुद से अच्छी मेंटल हेल्थ का वादा करना भूल जाते हैं. हमारी बॉडी दिमाग से ही कंट्रोल होती है. दिमाग की सेहत दुरुस्त रहती है तो शरीर का हर अंग अच्छे से काम करता है लेकिन दिमाग तनाव में हो तो दिल, पेट, किडनी सब प्रभावित होती हैं.
सबको पैसा चाहिए और गुड लुक्स
स्टैटिस्टा ने एक सर्वे किया और 2025 के लिए लोगों से उनका रेजोल्यूशन पूछा. सबसे ज्यादा लोगों ने कहा कि उन्हें पैसे की बचत करनी है ताकि वह अमीर बन सकें. इसके बाद वजन कम करना, हेल्दी खाना और एक्सरसाइज करने का रेजोल्यूशन था. फोर्ब्स हेल्थ 2023 के सर्वे में सामने आया कि नए साल पर लिए गए रेजोल्यूशन 4 महीने से कम वक्त में ही गायब हो जाते हैं. मनोचिकित्सक प्रियंका श्रीवास्तव कहती हैं कि आज के सोशल मीडिया के जमाने में हर कोई दिखावे की जिंदगी जी रहा है. उन्हें अमीर और सुंदर दिखना है ताकि हर इंसान उनकी तारीफ करे. तारीफ हर किसी को अच्छी लगती है और समाज में इससे उनका स्टेटस भी बढ़ता है. लेकिन इस दिखावे के चक्कर उनकी मेंटल हेल्थ बिगड़ सकती है.
तनाव में नहीं होता वजन कम
आज हर किसी पर वर्कलोड है और हर कोई तनाव में जिंदगी जी रहा है. कोई ऑफिस में बॉस से परेशान है, कोई लोन से तो कोई अपने रिलेशनशिप से खुश नहीं है. नए साल पर कोई स्ट्रेस को दूर करने का रेजोल्यूशन नहीं लेता. कोई फैमिली के साथ बिना मोबाइल के वक्त बिताने का खुद से वादा नहीं करता और तनाव से घिरा रहता है. जब स्ट्रेस बढ़ता है तो बॉडी में कॉर्टिसोल नाम का हार्मोन बढ़ जाता है इससे व्यक्ति चाहे कितनी एक्सरसाइज कर ले लेकिन फायदा नहीं होता क्योंकि उसकी मसल्स रिलैक्स नहीं होती हैं. तनाव दूर होगा तो वजन भी कंट्रोल होने लगता है.
लोग रेजोल्यूशन को जनवरी के दूसरे हफ्ते में ही भूलने लगते हैं (Image-Canva)
डिप्रेशन में होती ओवर ईटिंग
जो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है, उसका लाइफस्टाइल भी बिगड़ा होता है. ऐसे लोग बेवक्त खाते हैं और कुछ भी खा लेते हैं. माइंडफुल ईटिंग ना करने की वजह से कई बार लोग ओवर ईटिंग भी कर लेते हैं. नए साल में अगर अच्छी मेंटल हेल्थ का वादा करेंगे तो लाइफस्टाइल भी सुधरेगा और डिप्रेशन भी दूर होगा.
लोग खुदगर्ज हो गए हैं
‘The History of New year resolution and celebration’ नाम की किताब के अनुसार नए साल पर खुद से वादा करना, बहुत पुराना ट्रेंड है. 5 हजार साल पहले मेसोपोटामिया के बेबिलोनियाई सभ्यता में लोग रेजोल्यूशन लेते थे. नए साल पर नई फसल उगाई जाती थी. ऐसे में लोग राजा से समय पर कर्ज चुकाने और फसलों को बेहतर बनाने का वादा करते थे. उस समय लोग बेहतर जीवन के लिए रेजोल्यूशन लेते थे. लेकिन अब जमाना बदल गया है. लोगों में ‘मैं’ की भावना बढ़ गई है. वह अपनी जरूरतों की बजाए दिखावे पर फोकस करते हैं और रेजोल्यूशन भी इसी मकसद को पूरा करने के लिए बनाते हैं. हर किसी को अपनी पुरानी जींस या सूट में फिट आना है. हर किसी को सोशल मीडिया स्टार या यूट्यूबर बनना है. मनोचिकित्सक प्रियंका श्रीवास्तव कहती हैं कि लोगों में ‘मैं’ इतना हावी हो गया है कि वह ‘हम’ शब्द को ही भूल गए हैं. अब वह केवल खुद के बारे में सोचते हैं लेकिन वह भी सब भौतिक चीजें हैं.
दुनिया में अधिकतर लोग हकीकत से दूर रहकर रेजोल्यूशन बनाते हैं (Image-Canva)
ऐसे करें खुद से वादा
न्यू ईयर रेजोल्यूशन पर खुद से वादा करना सबसे आसान है लेकिन उसे निभाना बहुत मुश्किल है. आज के जमाने में हमारे आसपास नेगेटिविटी बहुत बढ़ गई है जिसका दिमाग पर भी असर होता है. अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए नए साल पर खुद में बहुत से बदलाव करने की जरूरत है. प्रियंका कहती हैं कि सबसे पहले खुद से प्यार करने का वादा करें. खुद से प्यार होगा तो आदतें जल्दी बदलेंगी. रोज सुबह उठकर मोबाइल ना देखने का रेजोल्यूशन लेना जरूरी है. मोबाइल को नाश्ते या डिनर के वक्त खुद से दूर रखें. इसे बेडरूम से भी रात को सोते समय बाहर रखें. हफ्ते में एक दिन अपने पुराने दिनों की तरह दोस्तों से मिले और अपनी पसंद की हॉबी को समय दें. हफ्ते में एक दिन अपने परिवार के साथ बिना किसी गैजेट के समय बिताएं. बच्चों के साथ खेलें, साइकिलिंग करें, पत्नी के साथ डिनर करें. सोने से पहले मेडिटेशन करें. जब व्यक्ति अपनों को समय देता है तो रिलेशनशिप सुधरते हैं, परिवार से ताकत मिलती है और हर तरह का तनाव दूर होता है. यह सब एक्टिविटी मेंटल हेल्थ के लिए अच्छी हैं.
Tags: Lifestyle, Mental Health Awareness, New year, New Year Celebration, Social media
FIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 19:00 IST
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