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RBI ने 6 जून को CRR में 100 बेसिस पॉइंट और रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की. विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम डेब्ट म्यूचुअल फंड्स के लिए फायदेमंद होगा.

रेपो रेट घटने के बाद क्या अब डेट फंड में पैसा लगाना हो गया है फायदेमंद?

हाइलाइट्स

  • RBI ने CRR और रेपो रेट में कटौती की.
  • विशेषज्ञों के अनुसार, डेट फंड्स के लिए फायदेमंद.
  • शॉर्ट टर्म फंड्स में लिक्विडिटी बढ़ने की उम्मीद.

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जून को निवेशकों को चौंकाते हुए कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 100 बेसिस पॉइंट और रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती कर दी. विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम खासकर डेब्ट म्यूचुअल फंड्स (Debt Mutual Funds) के लिए बड़ा पॉजिटिव साबित होगा. CRR में की गई कटौती से वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में सिस्टम में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी आ सकती है. इससे बॉन्ड यील्ड में गिरावट और डेट मार्केट में स्थिरता की उम्मीद जताई जा रही है.

CRR यानी कैश रिजर्व रेश्यो वो हिस्सा होता है जिसे बैंक अपनी जमा राशि में से रिजर्व बैंक के पास नकद के रूप में रखते हैं. जब CRR घटता है, तो बैंकों के पास लोन देने या निवेश करने के लिए अधिक पैसा उपलब्ध हो जाता है. वहीं रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को शॉर्ट टर्म लोन देता है.

फंड मैनेजर्स क्या कह रहे हैं?

बंधन एएमसी के फिक्स्ड इनकम प्रमुख हर्षल जोशी ने कहा, “RBI की इस आक्रामक नीति से निवेशकों को आगामी तिमाहियों में डेट मार्केट की दिशा को लेकर स्पष्टता मिलेगी. लिक्विडिटी और कम ब्याज दरों की मदद से यील्ड कर्व नीचे आ सकती है.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि बाजार को जून और अगस्त में रेपो कट की उम्मीद थी, लेकिन CRR कटौती एक सरप्राइज़ थी. हालांकि RBI का लिक्विडिटी सपोर्ट पहले से महसूस किया जा रहा था. DSP म्यूचुअल फंड के संदीप यादव ने कहा, “CRR में कटौती से शॉर्ट टर्म फंड्स को सबसे ज़्यादा फायदा होगा. अधिक लिक्विडिटी की वजह से इन फंड्स में इनफ्लो बढ़ेगा. हालांकि रेपो कट का सीधा असर इनफ्लो पर नहीं पड़ता.”

कैसे बदलेंगे रिटर्न और स्ट्रैटेजी?

विशेषज्ञों का मानना है कि ये घटनाएं अब पूरी तरह से बाजार में ‘प्राइस इन’ हो चुकी हैं, इसलिए रिटर्न सीधे RBI की कटौती से नहीं आएंगे. हालांकि, शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स सुरक्षित माने जा रहे हैं क्योंकि अधिक डिमांड से यील्ड में गिरावट का दबाव बना रहेगा. Axis Mutual Fund की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 साल की गवर्नमेंट बॉन्ड यील्ड अगले 6 महीने में 6% से 6.40% के बीच रह सकती है, और लिक्विडिटी शॉर्ट एंड पर सबसे अधिक फायदा पहुंचाएगी.

  • अपनी इन्वेस्टमेंट होराइजन और रिस्क प्रोफाइल के आधार पर कैटेगरी चुनें.
  • शॉर्ट टर्म और मनी मार्केट फंड्स पर फोकस करें, जहां लिक्विडिटी बढ़ने से स्टेबल रिटर्न मिल सकता है.

हाल के ट्रेंड्स

अप्रैल 2025 में डेट फंड्स में रिकॉर्ड ₹2.19 लाख करोड़ का इनफ्लो हुआ, जिसमें से ₹1.19 लाख करोड़ सिर्फ लिक्विड फंड्स में गया. वहीं मार्च में ₹2.03 लाख करोड़ की बड़ी निकासी हुई थी.

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Jai Thakur

जय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ें

जय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ें

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रेपो रेट घटने के बाद क्या अब डेट फंड में पैसा लगाना हो गया है फायदेमंद?

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