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ट्रेन में यात्रा करते समय लोगों के मन में अक्सर रेलवे से जुड़े कई सवाल आते हैं, जिनमें लोको पायलट कितने घंटे की ड्यूटी करते हैं या रेलवे कर्मचारी क्या फ्री में सफर कर सकते हैं जैसे सवाल होते हैं, तो आज हम आपको …और पढ़ें

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रेलवे से जुड़े सवालों के जानिए जवाब… लोको पायलट कहां आराम करते हैं और क्या रेलकर्मी फ्री में करते हैं सफर?

प्रतीकात्मक तस्वीर

हाइलाइट्स

  • लोको पायलट का वर्किंग शेड्यूल 8 घंटे का होता है
  • लोको पायलट रनिंग रूम में विश्राम करते हैं
  • रेलवे कर्मचारियों को यात्रा के लिए अधिकृत टिकट की जरूरत होती है

आगरा:- ट्रेन में सफर करते समय हमारे मन में अक्सर भारतीय रेलवे से जुड़े कई सवाल उठते हैं. जैसे कि ट्रेन ड्राइवर कितने घंटे तक ट्रेन चला सकते हैं? ट्रेन चलाने के बाद लोको पायलट कहां विश्राम करते हैं? TT की सैलरी कितनी होती है? क्या रेलवे कर्मचारी फ्री में यात्रा करते हैं? अगर आप इस सवालों के जवाब जानना चाहते हैं, तो चलिए जानते हैं रेलवे अधिकारियों से

लोको पायलट कहां करते हैं विश्राम
आगरा रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव के अनुसार, लोको पायलट का वर्किंग शेड्यूल 8 घंटे का होता है. एक लोको पायलट 8 घंटे तक ही ट्रेन चलाता है. इसके बाद उसे नजदीकी रनिंग रूम में भेजा जाता है, जहां वह विश्राम करता है. विश्राम के बाद वह अगली ड्यूटी के लिए रवाना होता है.

TT की सैलरी और जिम्मेदारियां
टीटी (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) रेलवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इनका मुख्य कार्य टिकट चेकिंग के साथ-साथ ट्रेन में व्यवस्थाओं और यात्रियों की सुविधाओं की देखरेख करना होता है. TT की बेसिक सैलरी 21,700 रुपए होती है, जो 2000 के ग्रेड पे के अंतर्गत आती है. इसके अतिरिक्त उन्हें TA, DA भी दिया जाता है.

क्या रेलवे कर्मचारी फ्री में करते हैं सफर
अक्सर लोगों को लगता है, कि रेलवे कर्मचारी फ्री में ट्रेन में यात्रा करते हैं, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है. रेलवे कर्मचारियों को भी यात्रा के लिए अधिकृत टिकट की जरूरत होती है. हालांकि, रेलवे की ओर से उन्हें कुछ विशेष पास और टिकट में छूट दी जाती है, जिससे वे यात्रा कर सकते हैं.

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लोको पायलट कहां आराम करते हैं, क्या रेलकर्मी फ्री में करते हैं सफर, जानें जवाब

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