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Dehradun News: देहरादून की गुफा रॉबर्स केव में किसी दौर में डाकू छिपते थे और आज पर्यटक रोमांच व सुकून की तलाश में पहुंचते हैं. ठंडे पानी और गुफा के जादुई नज़ारों का अनुभव इसे खास बनाता है. आइए, जानते हैं आखिर य…और पढ़ें

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रॉबर्स केव की कहानी.. जहां कभी छिपते थे डाकू सुल्ताना-मान सिंह जैसे बड़े डाकू

देहरादून की रॉबर्स केव थी कभी डाकुओं का ठिकाना.

हाइलाइट्स

  • रॉबर्स केव देहरादून का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है.
  • ब्रिटिश शासनकाल में डाकू सुल्ताना और मान सिंह यहां छिपते थे.
  • गुफा की लंबाई 600 मीटर है और इसमें ठंडा पानी बहता है.

देहरादून: जब आप उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की ओर रुख करते हैं, तो मन को शांति और प्रकृति की गोद में सुकून की उम्मीद होती है… लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी शांत शहर में एक ऐसा स्थान है, जहां कभी बड़े डाकू छिपा करते थे. जी हां, हम बात कर रहे हैं रॉबर्स केव (Robbers Cave) की, जिसे स्थानीय लोग प्यार से गुच्चूपानी (Gucchupani) कहते हैं. यह रहस्यमयी गुफा आज देहरादून के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शुमार हो चुकी है, जहां हर साल हजारों पर्यटक रोमांच और राहत की तलाश में पहुंचते हैं. परिवार के साथ यहां पर्यटक सुकून ढूंढते आते हैं.

इतिहास: जब डाकू छिपा करते थे इस गुफा में
इस गुफा का नाम रॉबर्स केव (Robbers Cave) यानी ‘डाकुओं की गुफा’ यूं ही नहीं पड़ा. ब्रिटिश शासनकाल में यह गुफा डाकुओं का सुरक्षित ठिकाना हुआ करती थी. माना जाता है कि डाकू सुल्ताना और मान सिंह जैसे कुख्यात (Robbers Cave History) लुटेरे ब्रिटिश पुलिस से बचने के लिए इसी गुफा में आकर छिपते थे. गुफा की संकरी और जटिल संरचना के कारण अंग्रेजों के लिए यहां डाकुओं को पकड़ना लगभग नामुमकिन था. यही वजह थी कि इस गुफा को ब्रिटिश हुकूमत ने रॉबर्स केव नाम दिया. 1800 के दशक के दौरान यह जगह डाकुओं का छिपने का ठिकाना हुआ करती थी.

क्या है इस गुफा की खासियत?
इस गुफा की लंबाई लगभग 600 मीटर है और यह दो हिस्सों में बंटी हुई है. गुफा के भीतर एक संकरी नदी बहती है, जिसमें पानी आमतौर पर घुटनों तक होता है. गर्मी के मौसम में इस ठंडे पानी में चलने का अनुभव लोगों को बार-बार यहां खींच लाता है. गुफा का सबसे रहस्यमयी हिस्सा वो जगह है, जहां पानी ज़मीन से अचानक (Places To Visit In Uttarakhand) निकलता और कुछ दूरी पर अचानक गायब हो जाता है, मानो कोई जादू हो रहा हो. गुफा के भीतर सूरज की किरणें जब पानी से टकराती हैं तो पानी में चमकते कंकड़ एक क्रिस्टल इफेक्ट देते हैं. यहां कुछ समय बिताना आपके दिन को ताजगी से भर देगा.

कहां है रॉबर्स केव, कैसे पहुंचें?

रॉबर्स केव देहरादून शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित है. आप कार, स्कूटी, कैब या लोकल ऑटो से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं. गुफा का अंतिम पड़ाव अनारवाला गांव है, जहां से आपको थोड़ी दूर पैदल चलकर गुफा तक पहुंचना होता है. रास्ते भर हरियाली और पहाड़ों की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी. निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून है. यहां से आप टैक्सी लेकर सीधे रॉबर्स केव तक पहुंच सकते हैं. अगर आप ट्रेन से यहां पहुंच रहे हैं तो देहरादून रेलवे स्टेशन से यह गुफा मात्र 6 किलोमीटर दूर है. स्टेशन से टैक्सी या ऑटो से आसानी से पहुंचा जा सकता है. देहरादून भारत के कई शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है। NH7 के रास्ते से निजी वाहन से या बस के ज़रिए यहां आ सकते हैं.

एंट्री फीस और समय
एंट्री फीस की बात की जाए तो प्रति व्यक्ति 35 रुपये है. वहीं लॉकर औऱ चेंजिंग रूम का शुल्क 30 और 20 रु. है. गौरतलब है कि यह स्थान सुबहर 7 बजे शाम 6 बजे तक ही खुला रहता है. रॉबर्स केव सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि इतिहास, रोमांच और प्रकृति का अनोखा जोड़ है. यहां एक ओर आप इतिहास के पन्नों में झांक सकते हैं, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण में सुकून पा सकते हैं. देहरादून की यात्रा अधूरी है अगर आपने ‘गुच्चूपानी’ नहीं देखा.

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Sandeep KumarSenior Assistant Editor

Senior Assistant Editor in News18 Hindi with the responsibility of Regional Head (Uttar Pradesh, Uttarakhand, Bihar, Jharkhand, Rajasthan, Madhya Pradesh, Chhattisgarh, Himachal Pradesh, Haryana). Active in jou…और पढ़ें

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