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BRAHMOS: ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने भारतीय सशस्त्र बलों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता में तेजी से विस्तार किया है. लखनऊ का यह मैन्युफैक्चरिंग सेंटर न केवल भारतीय सेना की जरूरतों को समयबद्ध रूप से पूरा करेगा, बल्कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय निर्यात बाजार की मांगों को भी पूरा करने में सक्षम होगा.

BRAHMOS: देश में दो डिफेंस कॉरिडोर बनाए गए हैं.एक उत्तर प्रदेश में और दूसरा तमिलनाडु में. स्वदेशी हथियार निर्माता कंपनियों और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया था. दोनों कॉरिडोर ने अपना कार्य प्रारंभ कर दिया है.इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शनिवार को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रही है. सरोजिनी नगर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट में तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच का फ्लैग ऑफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा. सरोजिनी नगर के भटगांव स्थित अत्याधुनिक ब्रह्मोस यूनिट, उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. यहां मिसाइलों की असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का कार्य उच्च तकनीकी मानकों के अनुरूप किया जाता है. इस यूनिट से पहली खेप के रवाना होने के साथ ही प्रदेश ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियान में एक सशक्त साझेदार बन गया है.
हाईटेक तकनीक से लैस है यह सुविधा
यह दिन न केवल उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भारत की रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भरता के संकल्प को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा. भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित “ब्रह्मोस” दुनिया की सबसे तेज़ और सटीक प्रहार क्षमता वाली सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली है. लखनऊ की नई इंटीग्रेशन एंड टेस्ट सुविधा से मिसाइल प्रणाली की पहली खेप सफलतापूर्वक तैयार कर ली गई है. यह अत्याधुनिक यूनिट 11 मई 2025 को उद्घाटन के बाद पूरी तरह से संचालन में आ चुकी है. यहां मिसाइलों का इंटीग्रेशन, टेस्टिंग, और गुणवत्ता परीक्षण जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. सफल परीक्षण के बाद मिसाइलें भारतीय सशस्त्र बलों के लिए तैनाती के लिए तैयार की जाती हैं. लखनऊ ब्रह्मोस यूनिट, उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की पहली ऐसी सुविधा है, जहां मिसाइल सिस्टम के निर्माण से लेकर अंतिम परीक्षण तक की पूरी प्रक्रिया देश में ही संपन्न होती है.
कार्यक्रम में होंगे ये आयोजन
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री बूस्टर भवन का उद्घाटन करेंगे और बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का प्रदर्शन भी देखेंगे. इसी क्रम में एयरफ्रेम और एवियोनिक्स, वारहेड भवन में पीडीआई (प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन) और ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रस्तुतीकरण भी किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, वृक्षारोपण कार्यक्रम, स्टोरेज ट्रॉली प्रदर्शन, जीएसटी बिल प्रस्तुतीकरण, और मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर का प्रदर्शन भी इस अवसर पर आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान डीजी (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चेक और जीएसटी बिल सौंपेंगे, जिससे राज्य सरकार को प्रत्यक्ष राजस्व प्राप्त होगा. ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन से उत्तर प्रदेश को न केवल निरंतर जीएसटी आय प्राप्त होगी, बल्कि उच्च कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
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