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दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने झारखंड के ग्रामीण मजदूरों के बैंक खातों का उपयोग कर करोड़ों की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इमरान और मंसूर अंसारी को लद्दाख के सरचू से गिरफ्तार किया गया.

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हाइलाइट्स
- दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया.
- लद्दाख के सरचू से इमरान और मंसूर गिरफ्तार.
- झारखंड के मजदूरों के खातों का दुरुपयोग कर ठगी.
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने साइबर ठगी के एक ऐसे संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो झारखंड के ग्रामीण मज़दूरों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर करोड़ों की साइबर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था. इस मामले में दो मुख्य आरोपी इमरान अंसारी और मंसूर अंसारी को एक रियल-टाइम ऑपरेशन में लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र सरचू से गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह पहली बार है जब साइबर अपराधी ठगी के बाद फरारी के लिए इतनी ऊंचाई और दुर्गमता वाले इलाकों का उपयोग कर रहे हैं.
पुलिस के अनुसार, यह मामला उस समय सामने आया जब एक महिला ने ₹69,953 की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई. जांच के दौरान पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और बैंकिंग ट्रेल की मदद से पैसों की गहन जांच की, जो झारखंड के गोड्डा और दुमका जिलों में स्थित मज़दूरों के बैंक खातों तक पहुंची. जांच में सामने आया कि ये खाते निर्माण स्थलों पर काम करने वाले गरीब मज़दूरों के नाम पर खोले गए थे, जिनके एटीएम कार्ड और पासबुक ठग अपने पास रख लेते थे.
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पुलिस टीम ने सबसे पहले झारखंड के दो गांवों में दबिश देकर दो स्थानीय खाताधारक रामजीत और बद्री राय को हिरासत में लिया, जिनके खातों में ठगी की राशि स्थानांतरित की गई थी. पूछताछ में खुलासा हुआ कि इमरान और मंसूर नामक ठगों ने इन्हें ठेका कार्य दिलवाकर बैंक खाता खुलवाया और फिर खातों का दुरुपयोग किया. इसके बाद, दिल्ली पुलिस की दूसरी टीम ने 800 किमी से अधिक लंबा पीछा करते हुए हिमाचल प्रदेश के रास्ते लद्दाख के सरचू में इन दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया.
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यह इलाका ऑक्सीजन की कमी और ऊंचाई की वजह से बेहद कठिन माना जाता है. बावजूद इसके, पुलिस टीम ने प्रोफेशनलिज्म और जज़्बे का परिचय देते हुए दोनों को धर-दबोचा. पूछताछ में इमरान और मंसूर ने गिरोह की पूरी योजना का खुलासा किया और बताया कि वे झारखंड के अनपढ़ मज़दूरों को निशाना बनाकर उनके नाम से खाते खुलवाते, और फिर उन खातों को ठगी के पैसे को इधर-उधर करने के लिए इस्तेमाल करते. इसके बाद वे ऐसे क्षेत्रों में भाग जाते थे जहां नेटवर्क और पुलिस की पहुंच बेहद सीमित होती.

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to …और पढ़ें
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