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लहराते सरसों के खेत में इस दवा का करें छिड़काव, अधिक मात्रा में होगी पैदावार

लखीमपुर: सर्दियों के मौसम में सरसों की खेती की जाती है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है, क्योंकि बाजार में सरसों के दाम अन्य फसलों के मुकाबले अधिक होते हैं. सरसों के पौधों में झंझा नामक कीड़ा लग जाता है, जो पौधों की पत्तियों को खा जाता है. इससे पैदावार कम हो जाती है. इससे किसान परेशान हो जाते हैं.

अगर आप सरसों की खेती कर रहे हैं, तो कीटनाशक दवाओं का स्प्रे करके छुटकारा पा सकते हैं. इससे पैदावार भी बढ़ा सकती है. किसान ने जानकारी देते हुए कहा कि 1 एकड़ में 8 से 10 टंकी कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें.

कैसे करें दवा का छिड़काव ?
लखीमपुर के गोपालपुर के किसान रूप राम वर्मा बताते हैं कि FOLIBION और Tebuconazole दोनों दवाओं को मिलाकर सरसों के खेत में स्प्रे करें, जिससे कीड़े नष्ट हो जाएंगे. इससे फसल की अच्छी पैदावार होगी.

सरसों की खेती ठंड के मौसम में की जाती है. इसकी खेती के लिए 15 से 25 डिग्री का तापमान उपयुक्त माना जाता है. वहीं, सरसों की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. सरसों की फ़सल में अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है. कम पानी में भी सरसों की फसल को पैदा किया जा सकता है.

बाजार में सरसों के दाम
वर्तमान में सरसों का दाम 6000 से 6500 रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से बिक रहा है. तराई क्षेत्र में किसान सरसों की खेती कर रहे हैं.

Tags: Local18, UP news

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