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अभिषेक राय
मऊ. रूस-यूक्रेन युद्ध से मौत के मुंह से लौटे युवक बृजेश यादव ने ऐसी आप बीती सुनाई है जिससे लोग हैरान हैं. बृजेश यादव ने बताया कि उसे धोखे से रूस भेजा गया और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की बात कही गई थी, लेकिन वहां उसे युद्ध लड़ने के लिए भेज दिया गया. वहां, चारों तरफ बम, गोली, बारूद चल रहे थे. लाशें बिखरी पड़ी थीं. हमें लग रहा था कि यह हमारी जिंदगी का अंत है. लेकिन परिवार की प्रार्थनाओं और भारत सरकार के प्रयासों ने हमें मौत के मुंह से बाहर निकाला. आज हम जिंदा हैं.
मऊ जिले के मधुबन तहसील के धर्मपुर विशुनपुर निवासी बृजेश यादव ने बताया कि रूस जाना जितना आसान था, वहां से लौटना उससे कहीं अधिक कठिन था. विदेश में नौकरी और मोटी कमाई के सपने के कारण वे एक एजेंट के झांसे में फंस गए थे. उन्होंने बताया कि फरवरी 2024 में मऊ और आजमगढ़ के 14 युवकों को एक एजेंट ने रूस में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी का झांसा देकर भेजा था. इसमें हर महीने ₹2 लाख वेतन मिलने वाला था लेकिन वहां पहुंचते ही इनका सपना टूट गया. इन युवकों को महज 15 दिन का सैन्य प्रशिक्षण देकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उतार दिया गया.
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साथी की मौत और खुद घायल
बृजेश ने बताया कि जुलाई में उनके ग्रुप पर ड्रोन हमला हुआ. आजमगढ़ निवासी दीपक इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई. बृजेश खुद भी युद्ध के दौरान घायल हुए. उनके पैर में गोली लगी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं से उन्होंने परिवार से संपर्क किया.
परिवार और सरकार की कोशिशों से हुई वापसी
बृजेश के परिजनों ने स्थानीय नेताओं और विदेश मंत्रालय से संपर्क किया. मऊ के जिला पंचायत सदस्य राजेश यादव, सांसद धर्मेंद्र और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कोशिशों से भारतीय दूतावास ने मदद की. आखिरकार, बृजेश को रूस से स्वदेश लाया गया.
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परिवार में खुशी, एजेंट पर कार्यवाही की मांग,
बृजेश के घर लौटने से उनके पिता देवनाथ यादव, भाई दुर्गेश यादव और पत्नी शशिकला यादव बेहद खुश हैं. बच्चों की खिलखिलाहट ने घर में फिर से रौनक ला दी है. लेकिन बृजेश अब उन एजेंटों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया. बृजेश ने कहा कि जिंदगी में एक बार अपनी जान जोखिम में डाल चुका हूं. अब कम कमाऊंगा, लेकिन परिवार के साथ रहूंगा. उन्होंने एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ये लोग अन्य युवाओं के साथ भी ऐसा धोखा कर रहे हैं. बृजेश ने बताया कि उनके साथ गए 14 लोगों में से सिर्फ 2 वापस लौटे हैं. 3 की मौत हो चुकी है, जबकि 9 का कोई अता-पता नहीं है. उनके परिवार अब भी उनके लौटने की उम्मीद में हैं.
Tags: Mau news, Russia ukraine war, UP news, Up news india, Up news today, UP police
FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 22:31 IST
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