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गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के किसान लौकी की खेती कर सालाना लाखों की इनकम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि लौकी की खेती विगत कई वर्ष से कर रहे हैं, लेकिन इस बार कुछ नए तरीके से लौकी की खेती कर रहे हैं. जिससे लौकी का पैदावार काफी अच्छा हो रही है. उन्होंने बताया कि इस बार हम मचान पर लौकी लगा रहे हैं. इससे लौकी की पैदावार अधिक होती है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 3 से 4 कुंतल लौकी की तुड़ाई की जाती है.

लोकल 18 से बातचीत के दौरान प्रगतिशील किसान लाल पति शुक्ला बताते हैं कि इस समय 1200 से 1500 रुपए प्रति कुंतल लौकी के दाम हैं.  किसी-किसी दिन दाम अधिक भी हो जाते हैं और कभी दाम कम भी हो जाता है.

कितने बीघे में कर रहे हैं लौकी की खेती

लाल पति शुक्ला बताते हैं कि लगभग 1 बीघे में लौकी की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मचान विधि पर लौकी की खेती करने से सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि नीचे बची हुई जमीन में हम कई और फसल की खेती कर सकते हैं, जिससे हमारा पॉकेट मनी निकल आता है और हम एक जगह में लगभग 16 से 18 कुंतल प्याज की फसल ले चुके हैं. इस टाइम पालक की बुवाई कर दिए हैं, जो लगभग 20 दिन में तैयार हो जाएगा. उन्होंने बताया कि चारों तरफ धनिया की भी बुवाई कर सकते हैं. इससे किसान भाइयों को काफी फायदा होगा. हम गोंडा के किसान भाइयों को कहना चाहते हैं कि यदि लौकी की खेती करनी है तो मचान विधि से ही करिए इससे आप कई फसल ले सकते हैं.

मचान विधि का कहां से मिला आइडिया

लाल पति शुक्ला बताते हैं कि मचान विधि का आइडिया हमको पानी संस्थान द्वारा मिला है. पानी संस्थान के कुछ अधिकारी आकर हम लोग को लौकी की खेती करने का आईडिया दिए हैं.

एक बीघा में कितनी लगी लागत

लाल पति शुक्ला बताते हैं कि एक बीघा में केवल मेहनत  लगी है, क्योंकि लौकी का बीज उद्यान विभाग द्वारा निशुल्क मिला था और मचान के लिए हमारे घर पर पर्याप्त संसाधन मौजूद थे. 1 बीघे में केवल न के बराबर लागत लगी है. जैसे सिंचाई और थोड़ा बहुत देखभाल.

जानिए कमाई 

लाल पति शुक्ला बताते हैं कि एक बीघा में प्रतिदिन 3 से 4 कुंतल लौकी की तुड़ाई होती है, जो मार्केट में 12 से 15 सौ रुपए प्रति कुंतल की बिक्री होती है. उन्होंने बताया कि लगभग 4 से 5 हजार रुपए प्रतिदिन की  इनकम हो रही है.

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