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लीग मुकाबलों में भले ही लाहौर में रनों की बारिश देखने को मिली है पर सेमीफाइनल मैच में ऐसा नहीं होगा. पिछले कुछ दिनों से लगातार हुई बारिश की वजह से पिच पर काफी नमी रहेगी और लंबे कद के गेंदबाज जो 22 गज की पट्टी क…और पढ़ें

लाहौर की लड़ाई में लंबे कद के लड़ाके लूटेंगे महफिल, गद्दाफी का गेम प्लान जानिए

लाहौर की लड़ाई, लंबे कद के गेंदबाजों पर आई

हाइलाइट्स

  • लाहौर की पिच पर तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी.
  • लंबे कद के गेंदबाजों का मैच पर असर होगा.
  • मार्को येंसन और काइले जैमिसन से उम्मीदें.

नई दिल्ली. इस बार की चैंपियंस ट्रॉफी में लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम का नाम आते ही दो ही बात जेहन में आती है पहली रनों की बारिश दूसरी नेचुरल बारिश, पहली बारिश में गेंदबाज भीगे और दूसरी में मैदान, गेंदबाज भीगे तो रन बना पर मैदान भीगा तो मैच कैंसिल हुए . लेकिन इस बार सेमीफाइनल के लिए कम से रनों की बारिश रोकने के लिए एक ऐसी पिच बनाई गई जहां गेंदबाजों के लिए भी कुछ होगा.

लाहौर से आ रही खबरों की माने तो गद्दाफी की पिच पर इस बार उन गेंदबाजों को मदद मिलेगी जो 22 गज की पट्टी की थ्री क्वाटर लेंथ को लगातार हिट करने में कामयाब रहे. यानि उन गेंदबाजों को मदद मिलेगी जो या तो हाई ऑर्म एक्शन से गेंदबाजी करते हो या खुद लंबे कद के हो.

जॉनसन बनाम येंसन 

दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड दोनों ही टीमों के पास लंबे कद के सीम गेंदबाज है जो मैच में बड़ा असर डाल सकते है. दक्षिण अफ्रीका के लिए 6.8 फुट के मार्को येंसन ने इस टूर्नामेंट में कमाल की गेंदबाजी की है और वो किवी बल्लेबाजों के लिए बड़ा चैलेंज रख सकते है. 2 मैच में 4.73 की इकॉनमी  से 4 विकेट लिए है  उनकी खासियत है कि वो गेंद को स्विंग और सीम दोनों करते है. जिस हाइट से वो गेंदबाजी करते है वो  विलियमसन, लैथम , रचिन जैसे बल्लेबाजों के लिए बड़ा चैलेंड रख सकते है. दूसरी तरफ 6.6 फुट के काइले जैमिसन भी शानदार फॉर्म में नजर आ रहे है 2 मैचों में उनका इकॉनमी रेट 4.65 रहा है.

नई पिच में क्या होगा खास ?

गद्दाफी की पिच में लीग मैचों की तरह रन बनाना इतना आसान नहीं होगा  लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के मुफीद रही है. अब तक चैंपियंस ट्रॉफी में भी बल्लेबाजों का लाहौर में बोलबाला रहा है. यहां पर गेंदबाजों को ज्यादा मदद नहीं मिलती पर इस बार शायद हालात बदलेंगे.  शुरुआत में तेज गेंदबाज पिच का फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेंगे.  इससे पहले चैंपियंस ट्रॉफी के कुछ मैच जो यहां हुए हैं, उसमें भी बल्लेबाजों के लिए मदद देखने को मिली थी.अब तक गद्दाफी स्टेडियम में कुल 76 वनडे मुकाबले खेले गए हैं, जिसमें से पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने 38 तो पहले गेंदबाजी करने वाली टीम ने 36 मुकाबले जीते हैं. पहली पारी का औसत स्कोर यहां पर 256 तो दूसरी पारी का 220 रन है. एक बात साफ है कि इस बार लाहौर की लड़ाई बराबरी की होगी जहां कुछ लंबे कद के खिलाड़ी कुछ बड़ा कर जाएं तो चौंकिएगा मत.

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