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शाहिद कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान स्ट्रगल और मेहनत से बनाई. उनका बचपन स्पेशल परिवार में नहीं हुआ था और उन्होंने कई ऑडिशन देकर अपनी जगह बनाई. उनकी यात्रा में कई कठिनाइयां आईं, जैसे पैसे की कमी. लेकिन …और पढ़ें

लोखंडवाला में कपड़े खरीदने के लिए भी नहीं थे पैसे, मुझे हंसी..शाहिद कपूर ने पूराने दिनों को किया याद

कपड़े खरीदने के लिए भी नहीं थे पैसे…(फोटो साभार- imdb)

हाइलाइट्स

  • शाहिद कपूर ने स्ट्रगल और मेहनत से पहचान बनाई.
  • कपड़े खरीदने के लिए भी नहीं थे पैसे: शाहिद कपूर.
  • लॉकडाउन ने आत्मविश्वास और मेहनत पर विश्वास बढ़ाया.

नई दिल्ली : शाहिद कपूर के पिता, पंकज कपूर, 1980 के दशक से फिल्म इंडस्ट्री के फेमस एक्टर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद शाहिद कपूर का जीवन बहुत ही सामान्य और सरल रहा. शाहिद का बचपन एक अच्छे परिवार में नहीं बीता. जब वह सिर्फ तीन साल के थे, उनके माता-पिता ने एक-दूसरे से अलग होने का फैसला लिया. इसके बाद शाहिद अपनी मां नीलिमा अजीम के साथ रहे, जो एक फेमस कथक डांसर थीं.

शाहिद कपूर ने खुद बताया कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए बहुत स्ट्रगल किया. उनका कहना था कि उन्हें कभी अच्छा फील नहीं हुआ, क्योंकि उनका पालन-पोषण अलग-अलग किराए के घरों में हुआ था. उन्होंने कई ऑडिशन दिए और कड़ी मेहनत की, इसलिए उन्हें लगता है कि उनका सफर और लोगों के स्ट्रगल से अलग नहीं था. शाहिद ने एक बार कहा था, ‘मेरे पिता एक चरित्र एक्टर हैं और मेरी मां 15 साल की उम्र से कथक डांसर थीं. मैं किराए के घरों में रहा हूं और मैंने कई ऑडिशन दिए, इसलिए मुझे कभी भी किसी स्पेशल पर्सन जैसा फील नहीं हुआ.

स्ट्रगल के समय की कठिनाइयां

शाहिद ने अपनी जिंदगी के उस कठिन दौर को भी याद किया जब उनके पास अपने कपड़े खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे. उन्होंने कहा, ‘आज लोग कहते हैं कि शाहिद का फैशन सेंस बहुत अच्छा है, लेकिन मैं हंसी में ये सोचता हूं कि कभी ऐसा भी वक्त था जब मेरे पास लोखंडवाला बाजार से कपड़े खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते थे.’

लोगों ने फिल्मों को लेकर कही बात

शाहिद ने ये भी बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में अपने स्ट्रगल के दौरान उन्हें कई बार ये कहा गया कि उनकी मेहनत के बावजूद उनकी फिल्में ज्यादा सफल नहीं होतीं. ये सुनकर वे काफी प्रभावित होते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान उनका सब कुछ बदल गया. उन्होंने बताया कि इस समय ने उन्हें अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने और अपनी मेहनत पर विश्वास करने का मौका दिया.

शाहिद ने ये भी कहा कि उन्होंने महसूस किया कि एक समय था जब उन्हें खुद को कमतर महसूस कराया गया, लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ स्ट्रगल किया और इसे अपनी ताकत बनाया. शाहिद कपूर का जीवन ये दिखाता है कि स्ट्रगल और मेहनत से ही सफलता हासिल होती है.

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‘मुझे हंसी आती थे कपड़े खरीदने के…’, शाहिद कपूर ने पूराने दिनों को किया याद

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