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अगर आप भी उन गानों के दीवाने हैं जो दिल को छू जाते हैं, तो आपने कासिम हैदर का नाम तो सुना ही होगा! पर कौन हैं ये सितारा जिनके गाने हमें इतने पसंद आते हैं? चलिए, जानते हैं कासिम हैदर के बारे में, जिनका सफर नाकाम…और पढ़ें

‘लोग पैसे मांगते…’ खूब झेला रिजेक्शन, मगर नहीं मानी हार, अब बॉलीवुड में बनाई खास पहचान, कासिम हैदर का अनूठा सफर

कासिम हैदर 700 से ज्यादा स्टेज शो कर चुके हैं.

हाइलाइट्स

  • कासिम हैदर ने उर्दू शायरी और संगीत में बनाई पहचान.
  • कासिम का नया गाना ‘ताज्जुब है’ खूब सराहा गया.
  • कासिम ने 700 से ज्यादा स्टेज शो होस्ट किए.

नई दिल्ली: कासिम हैदर का असली नाम सैयद कासिम हैदर है. उन्होंने उर्दू शायरी और संगीत की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उनका नया गाना ‘ताज्जुब है’ उनकी कला का एक बेहतरीन नमूना है. इस गाने में उन्होंने पुराने जमाने की शायरी को नए जमाने के संगीत के साथ बड़ी खूबसूरती से पिरोया है, जिससे ये गाना सीधा दिल में उतर जाता है.

‘ताज्जुब है’ कासिम की प्रतिभा और उनकी तरक्की को दिखाता है. इस गाने के दिल को छू लेने वाले बोल, हरमान नाजिम की जादुई आवाज और सहजान शेख सागर का शानदार संगीत, सुनने वालों को भावुक कर देता है. इस गाने को इसके गहरे मतलब और दिल को छू लेने वाले अंदाज के लिए खूब तारीफें मिल रही हैं. कासिम ने अपने करियर की शुरुआत सिकंदर मिर्जा के टीवी शो ‘हम हैं सिकंदर’ से की थी. इसके बाद, उन्होंने ‘प्रॉमिस टू प्रोटेक्ट’ और ‘हम हैं किंग’ जैसी फिल्मों में भी काम किया है. अपने काम के प्रति उनकी लगन और मुश्किलों का डटकर सामना करने की उनकी हिम्मत ने उन्हें इंडस्ट्री में एक चमकता सितारा बना दिया है.

शुरुआती सफर: सासाराम से नजीबाबाद तक
बिहार के सासाराम में जन्मे और नजीबाबाद के गलियों में पले-बढ़े कासिम हैदर ने अपने मेहनत और लगन से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. फिल्मी दुनिया में कदम रखना किसी भी छोटे शहर के लड़के के लिए आसान नहीं होता, लेकिन कासिम ने अपने हौसले और संघर्ष से ये मुकाम हासिल किया. कासिम की शुरुआती पढ़ाई सासाराम रोहतास में हुई, लेकिन आठवीं के बाद वो अपनी मां के घर नजीबाबाद, बिजनौर आ गए. यहीं से उनकी जिंदगी में नए मोड़ आए. धार्मिक कार्यक्रमों में निजामत (एंकरिंग) करते-करते उन्हें मंच से प्यार हो गया, लेकिन एक दिन जब एक मशहूर शायर ने कहा – ‘कुछ अपना भी सुनाओ’, तब कासिम के पास शब्द नहीं थे. उस शर्मिंदगी ने उन्हें लेखक बनने के लिए प्रेरित कर दिया और उन्होंने ठान लिया कि अगली बार मंच पर केवल खुद का लिखा सुनाएंगे.

मुंबई का सफर: संघर्ष और उम्मीदों की जंग
नजीबाबाद से मुंबई पहुंचे कासिम का सपना था लेखक और अभिनेता बनना. लेकिन मायानगरी में पहचान बनाना आसान नहीं था. जब भी ऑडिशन देने जाते, लोग या तो पैसे मांगते या फिर उनकी पर्सनैलिटी पर कमेंट करते. धीरे-धीरे उन्होंने ऑडिशन देना ही छोड़ दिया और लेखन पर ध्यान दिया. वे बोले, ‘रिजेक्शन ने मुझे मजबूत बना दिया! मैंने घोस्ट राइटिंग शुरू की और कई गाने लिखे जो दूसरों के नाम से रिलीज हुए. फिर मैंने खुद अपने लिखे गानों को प्रोड्यूस करने और उनमें एक्टिंग करने का फैसला किया.’

अभिनय की शुरुआत और पहचान
कासिम ने अपनी एक्टिंग की शुरुआत सिकंदर मिर्जा के टीवी शो ‘हम हैं सिकंदर’ से की. इसके बाद उन्होंने ‘Pledge to Protect’ फिल्म में एक छोटा लेकिन अहम रोल निभाया. ये फिल्म फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई जा रही है और जल्द ही रिलीज होगी. इसके बाद Dream City Mumbai और Where Is Najeeb जैसी फिल्में आईं. हा में उन्होंने हामिद अली की फिल्म ‘हम हैं किंग’ की शूटिंग की और अब ‘द थर्ड हैकर’ पर काम कर रहे हैं.

700 से ज्यादा स्टेज शो और दो फिल्में लिखी
न सिर्फ अभिनेता और गीतकार, बल्कि कासिम एक शानदार एंकर भी हैं. उन्होंने अब तक 700 से ज्यादा स्टेज शो होस्ट किए हैं. इसके अलावा, वो दो फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिख चुके हैं, जिन्हें वो भविष्य में खुद ही डायरेक्ट करना चाहते हैं. वे लोगों को कभी हार न मानने का संदेश देते हैं.

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खूब झेला रिजेक्शन, मगर नहीं मानी हार, अब बॉलीवुड में बनाई खास पहचान

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