[ad_1]
Weight loss Diet: जब लोग वजन कम करने का विचार करते हैं तो सबसे पहले वे अपने खाने पर ध्यान देते हैं. वे सोचते हैं कि जितना खाना फिलहाल खा रहे हैं उसे कम कर देना है. ऐसे में अधिकतर लोग शुरुआत में कम भोजन करने भी लगते हैं लेकिन कुछ ही दिनों बाद सब कुछ बिगड़ जाता है और वह पहले से भी ज्यादा खाने लगते हैं. जब आप अचानक भोजन कम करने लगते हैं तो आपके शरीर में पहले जितनी कैलोरी नहीं पहुंचती. आपका शरीर स्वस्थ रहने के लिए पोषण चाहता है जो उसे पहले से मिल रहा होता है. ऐसे में जैसे ही कैलोरी की कमी होती है शरीर भोजन ज्यादा मांगने लगता है और इस स्थिति में भूख भी तेज लगती है. यही कारण है कि ज्यादातर लोग दोबारा से ज्यादा खाने लगते हैं. इन सबसे बचने के लिए आपको कुछ खास डाइट की जरूरत होगी. क्लीवलैंड क्लीनिक में ओब्सिटी एक्सपर्ट डॉ. पेमिंडा काबांडुगामा ने विस्तार से बताया है कि भूख क्यों लगती है और इससे निपटने के लिए क्या खाना चाहिए.
क्यों लगती है भूख
डॉ. पेमिंडा काबांडुगामा ने बताया कि भूख दो हार्मोन से नियंत्रित होती है. घ्रेलिन जो भूख वाला हार्मोन है यानी यह भूख को जगाता है और लेप्टिन जो पेट भर जाने का अहसास दिलाने वाला हार्मोन है. जब घ्रेलीन हार्मोन रिलीज होता है तो किसी को भूख लगती है और जब लेप्टिन हार्मोन रिलीज होता है तो दिमाग को यह एहसास दिलाता है कि आपका पेट भर गया है अब खाने की जरूरत नहीं है. इससे खाने की संतुष्टि मिलती है. लेप्टिन जितनी देर तक पेट में रहेगा उतनी देर तक भूख का अहसास कम होगा. वहीं घ्रेली हार्मोन भी कम रिलीज होगा. ऐसे में लेप्टिन का ज्यादा रिलीज होना जरूरी है. डॉ. पेमिंडा ने बताया कि इन दोनों हार्मोन को प्रोटीन कंट्रोल करता है. अगर आप ज्यादा प्रोटीन खाएं तो घ्रेलीन कम रिलीज होगा और लेप्टिन ज्यादा रिलीज होगा. ऐसे में प्रोटीन खाने के चार से छह घंटे तक भूख कम रह सकती है. इसके विपरीत अगर आप कार्बोहाइड्रेट खाएंगे तो एक घंटे के बाद ही फिर से भूख लगने लगती है. प्रोटीन भूख को प्राकृतिक रूप से कम करता है.
लीन प्रोटीन
डॉ. पेमिंडा कहती है कि यदि आपको भूख जल्दी-जल्दी लगती है तो आप लीन प्रोटीन का सेवन करें. इसके लिए चिकन (बिना त्वचा वाला), टर्की, सैल्मन मछली, बिना नमक वाले सूखे भूने हुए मेवे, बिना फैट वाला ग्रीक योगर्ट, लो फैट कॉटेज चीज़, सोया, टोफू और टेम्पेह, अंडे और अंडे की सफेदी, दालें और बीन्स, प्रोटीन पाउडर, प्रोटीन बार आदि का सेवन करें लेकिन इनमें ज्यादा चीनी न हो. आपको कितना प्रोटीन चाहिए यह आपकी लंबाई, वजन, उम्र और मांसपेशियों पर निर्भर करता है. डॉ. काबांडुगामा सलाह देते हैं कि प्रोटीन का अधिकतम सेवन करे ताकि भूख नियंत्रण में रहे. उदाहरण के लिए अगर आप एक भोजन की जगह प्रोटीन शेक लेते हैं तो उसमें कम से कम 30 ग्राम प्रोटीन होना चाहिए.
फाइबर वाले खाद्य पदार्थ
फाइबर भी पेट भरने में मदद करता है. फाइबर शरीर में जल्दी पचता नहीं है. यह लंबे समय तक रहता है और पेट भरा महसूस कराता है. स्वस्थ फाइबर के स्रोत हैं- दालें और बीन्स, चिया बीज, साबुत अनाज, नाशपाती, जई, ब्रोकोली, क्विनोआ आदि.
बेरीज
भूख को कम करने के लिए बेरीज फलों का सेवन करें. बेरीज में फाइबर अधिक और शक्कर कम होती है. इसलिए ये पेट भरने वाले, स्वस्थ विटामिन और मिनरल वाले फल हैं. स्ट्रॉबेरी, क्रैनबेरी, रास्पबेरी,ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी ,गोजी बेरीज, असाई बेरीज, सेलरी आदि बेरीज के उदाहरण हैं. इनका सेवन करें.
सेलरी
सेलरी कम कैलोरी वाला और पेट भरने वाला खाना है. सेलरी में कैलोरी नहीं होती. इसमें बहुत पानी और फाइबर होता है. सेलरी अकेले खाएं या नट बटर के साथ खाएं ताकि प्रोटीन भी मिले. सेलरी का जूस लेना अच्छा विकल्प नहीं है. जूस में फाइबर नहीं रहता, जो पेट भरने में मदद करता है.
केले
केले भी पेट भरने में मदद करते हैं. केले में शक्कर धीरे-धीरे रिलीज़ होती है. इससे शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा मिलती है. केले में पोटैशियम होता है जो मांसपेशियों की ऐंठन से बचाता है. केल वर्कआउट के बाद जल्दी भूख नहीं लगने देता.
पानी
आप जो पीते हैं, वह भी पेट भरने में मदद करता है. लेकिन सोडा या मीठा पेय न पिएं. सादा पानी, चाय और कॉफी से पेट भरा महसूस होता है. कॉफी या चाय में अधिक कैफीन न लें. क्रीम, व्हिटनर और शक्कर न डालें. कभी-कभी हमें प्यास लगने पर भी भूख लगती है. इस स्थिति में एक गिलास पानी पीने से आप फिर से संतुष्ट महसूस कर सकते हैं.
[ad_2]
Source link