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विनोद खन्ना ऐसे एक्टर थे, जिनके पास पैसा, ग्लैमर और शोहरत की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने 1971 से 1982 को बीच लगभग 47 मल्टीस्टारर फिल्म में काम किया. इनमें ‘एक और एक ग्यारह’, ‘हेरा फेरी’, ‘खून पसीना’, ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘जमीर’, ‘परवरिश’ और ‘मुकद्दर का सिकंदर’ जैसी हिट फिल्में शामिल हैं. कहा जाता है कि विनोद खन्ना जिस भी फिल्म में रहते थे, उसका बॉक्स ऑफिस पर हिट होना गारंटी माना जाता था.
1980 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म
अमिताभ ने ठुकराई, विनोद खन्ना की खुली किस्मत
20 जून 1980 में रिलीज हुई इस फिल्म में विनोद खन्ना के साथ फिरोज खान के साथ जीनत अमान नजर आईं थी. आईएमबीडी की रिपोर्ट की मानें तो, विनोद खन्ना के रोल के मेकर्स अमिताभ बच्चन को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया. इसके बाद ये विनोद खन्ना की झोली में जा गिरी और उस साल की ब्लॉकबस्टर बन गई.
इस फिल्म के प्रोड्यूस और डायरेक्ट दोनों फिरोज खान ने किया था. उन्होंने इस फिल्म को एक्टिंग भी की थी.
नोट गिनने के लिए रखनी पड़ी टीम
ब्लॉकबस्टर होते हुआ सिनेमा से मोहभंग
इस फिल्म के रिलीज होते अपने स्टारडम के पीक पर बैठे विनोद खन्ना ने अचानक अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़े. उन्होंने बॉलीवुड को अलविदा कहा और सबकुछ छोड़कर ओशो की शरण में चले गए थे और जब कुछ साल बाद वापस आए, तो लोगों का वो प्यार नहीं पा सके.
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