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Vaibhav Suryavanshi News: समस्तीपुर के ताजपुर गांव के 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल मैच में 35 गेंदों में 101 रन बनाकर इतिहास रच दिया. उनके चाचा राजीव सूर्यवंशी ने गर्व व्यक्त किया. गांव में जश्न का माहौल …और पढ़ें

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वैभव के ‘हुक’ करने का अंदाज चाचा राजीव सूर्यवंशी को आया खूब पसंद, बोले-खुशी का नहीं है अंत

जानकारी देते चाचा 

हाइलाइट्स

  • वैभव ने 35 गेंदों में 101 रन बनाए.
  • गांव में वैभव की उपलब्धि पर जश्न का माहौल.
  • चाचा ने वैभव की सफलता पर गर्व व्यक्त किया.

समस्तीपुर. जिले के ताजपुर प्रखंड अंतर्गत आने वाले ताजपुर गांव में इन दिनों जश्न का माहौल है. वजह है गांव के लाल, 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी की जबरदस्त उपलब्धि. वैभव ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से न सिर्फ गांव बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है. राजस्थान के सवाई मानसिंह स्टेडियम में गुजरात चैलेंजर और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुए आईपीएल मैच में उन्होंने मात्र 35 गेंदों में 101 रन की विस्फोटक पारी खेली. यह पारी क्रिकेट इतिहास में दर्ज हो चुकी है, और इसके बाद से गांव के हर कोने में सिर्फ वैभव की चर्चा हो रही है.

यह कारनामा किसी भी खिलाड़ी के लिए एक सपने के सच होने जैसा है, लेकिन वैभव ने महज 14 साल की उम्र में यह कर दिखाया है. उनके इस प्रदर्शन से न सिर्फ दर्शकों को रोमांचित किया, बल्कि क्रिकेट के दिग्गजों को भी चौंका दिया. पूरे क्षेत्र में लोग ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मना रहे हैं.बच्चे-बूढ़े, महिलाएं सभी गर्व से वैभव का नाम ले रहे हैं.

क्या कहते हैं उनके चाचा?
ताजपुर निवासी वैभव के चाचा, राजीव सूर्यवंशी ने लोकल 18 की टीम से विशेष बातचीत में अपनी खुशी साझा की. उन्होंने कहा, हमारा भतीजा वैभव पूरे भारत का नाम रौशन कर रहा है. उसने यह साबित कर दिया है कि नाम के पीछे छिपे अर्थ भी कोई मायने रखते हैं. वैभव यानी वैभवशाली और सूर्यवंशी यानी जो प्रकाश फैले, और उसने आज पूरे जिला को रौशन कर दिया.

राजीव सूर्यवंशी ने बताया कि वैभव ने न केवल भारत में सबसे कम उम्र में शतक जड़ने का रिकॉर्ड बनाया, बल्कि एक ही पारी में 11 छक्के भी लगाए.

सफलता में परिवार की भूमिका
चाचा ने कहा वैभव की इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता और दादा का बड़ा योगदान रहा है. उनके पिता संजीव सूर्यवंशी और माता आरती सिंह ने बचपन से ही उसकी प्रतिभा को पहचाना और उसे सही दिशा में प्रोत्साहित किया. हालांकि वैभव के दादा स्वर्गीय उमेश प्रसाद सिंह अब इस खुशी के पल में साथ नहीं हैं, लेकिन उनका आशीर्वाद वैभव के साथ है.

वैभव की यह उपलब्धि केवल उसके परिवार की नहीं, पूरे ताजपुर और समस्तीपुर जिले की शान बन गई है. लोग उम्मीद जता रहे हैं कि वैभव आगे चलकर भारत के लिए भी खेलेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करेगा.

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