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भारतीय सिनेमा में ऐसी कई सेलिब्रिटी रहे हैं जिन्होंने प्यार की खातिर अपने करियर को दांव पर लगाया है. ऐसी तमाम अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने शादी के बाद फिल्में छोड़ दीं लेकिन एक अभिनेत्री ने तो प्यार की खातिर जान भी दे दी है.

तमिल सिनेमा की खूबसूरत अभिनेत्रियों की बात करें तो अभिनेत्री प्रत्यूषा टॉप सूची में हैं. उन्होंने तेलंगाना के भुवनागिरी में कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था और वे अपनी मां के साथ ही पली- बढ़ी हैं. चूंकि उनकी मां एक शिक्षिका हैं और उनके पिता की मृत्यु के बाद प्रत्यूषा का परिवार हैदराबाद में बस गया था. हैदरबाद आने के बाद प्रत्यूषा ने एक टीवी रियलिटी शो में भाग लिया और सुश्री लवली स्माइल का खिताब जीता. इस प्रतियोगिता में उनकी जीत ने उन्हें पूरे आंध्र प्रदेश में फेम दियाला और यही कारण था कि उन्हें सिनेमा की दुनिया में एंट्री मिली.

प्रत्युषा ने 1998 में तेलुगु सुपरस्टार मोहन बाबू के साथ अपनी शुरुआत की थी. उस समय वो केवल 18 साल की थीं. रजनीकांत उनकी पहली फिल्म का उद्घाटन करने आए थे. प्रत्युषा ने अपनी पहली फिल्म की सफलता से पहले ही दो और फिल्मों के लिए कमिटमेंट जताई थी. क्योंकि वो एक खूबसूरत अभिनेत्री और एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री के रूप में जानी जाती थी, इसलिए उसे बहुत सारे अवसर मिले.

2 साल में 3 फिल्में रिलीज करने के बाद, अभिनेत्री प्रत्यूषा को निर्देशक और अभिनेता थम्बी रामैया तमिल सिनेमा में लेकर आए. प्रत्यूषा ने 1999 में थम्बी रामैया द्वारा निर्देशित फिल्म मनुनेथी में मुरली के साथ अभिनय करके तमिल में अपनी शुरुआत की. उस फिल्म ने प्रत्यूषा के लिए नए दरवाजे खोले. उन्होंने तमिल सिनेमा में एक खूबसूरत अभिनेत्री के रूप में अपना नाम बनाना शुरू कर दिया.

उन्होंने प्रभु के साथ सुपर कुट्टम, विजयकांत के साथ थावसी, रामराजन के साथ पोन्नना नेरम और भारतीराजा के साथ कडलपुक्कल जैसी फिल्मों में काम किया. 20 साल की उम्र में वो एक बिजी अभिनेत्री थीं, बीच में एक तेलुगु फिल्म भी की. 5 साल में 11 फिल्मों में अभिनय करने के बाद, 2002 में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई. ये खबर थी कि अभिनेत्री प्रत्यूषा ने अप्रत्याशित रूप से आत्महत्या कर ली थी. 22 साल की उम्र में प्रत्यूषा की आत्महत्या ने फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया था.

इसके बाद जो खबर आई वो उनकी मौत की खबर से भी ज्यादा चौंकाने वाली थी. यानी फिल्म पुन्नई मन्नन में कमल और रेखा अपने प्यार के फिर से न मिल पाने की निराशा में पहाड़ से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं. इसमें कमल एक पेड़ की टहनी में फंस जाता है और बच जाता है, जबकि रेखा की मौत हो जाती है. प्रत्युषा की असल जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही हुआ. प्रत्युषा बचपन से ही सिद्धार्थ रेड्डी से प्यार करती थीं. हालांकि, कहा जाता है कि सिद्धार्थ के परिवार ने उनके प्यार का कड़ा विरोध किया था.

इसके बाद वे जीवन में साथ नहीं रह पाए, यह सोचकर कि कम से कम साथ तो रहेंगे ही, 22 फरवरी 2002 को उन्होंने कोका-कोला में जहर मिलाकर पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की. बाद में दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके प्रेमी सिद्धार्थ की जान बच गई, जबकि प्रत्यूषा की बिना इलाज के मौत हो गई. इस तरह उनकी लव लाइफ दुखद रूप से खत्म हो गई.

प्रत्यूषा की मौत में राजनीतिक नेताओं की संलिप्तता ने मामले को और बड़ा बना दिया. इस मामले ने तब एक अलग मोड़ ले लिया जब एक फोरेंसिक विशेषज्ञ ने रिपोर्ट दी जिसमें बताया गया कि मौत का कारण ‘हाथ से गला घोंटने के कारण दम घुटना’ था. इसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट को जांच के लिए दिल्ली भेजा गया. जांच के बाद शांति लौटी और कहा गया कि मौत का कारण जहर था. हालांकि, प्रत्यूषा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में उसके प्रेमी को 6 साल की जेल और 6,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई.

अपनी खूबसूरती की वजह से मशहूर अभिनेत्री बनी प्रत्यूषा ने 5 साल में 12 फिल्मों में काम किया. इनमें से 6 फिल्में तो अकेले तमिल में थीं. ये सभी बड़े हीरो के साथ ब्लॉकबस्टर हिट रहीं. इसी वजह से जब उनकी सैलरी अपने चरम पर थी, तब उनके प्रेमी के लिए लिए गए गलत फैसले की वजह से न सिर्फ उनका फिल्मी करियर बल्कि निजी जिंदगी भी बर्बाद हो गई.
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