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These Cooking Oil Dangerous: हम बाजार में मिलने वाले तेल को खाने के आदी हो चुके हैं लेकिन बाजार में मिलने वाले कई तेल इतना खराब होते हैं कि ये लिवर की पूरी प्रक्रिया को ठप कर देते हैं.

शराब, सिगरेट भूल जाइए, आपकी सोच से ज्यादा घातक है खाने का यह तेल, लिवर की पूरी प्रक्रिया हो सकती है तहस-नहस

शराब से ज्यादा खतरनाक ये तेल. canva

हाइलाइट्स

  • बाजार में मिलने वाले कई प्रकार के तेल लिवर के लिए घातक हैं.
  • इन तेलों में ओमेगा 6 फैटी एसिड अधिक होता है, जिससे इंफ्लामेशन बढ़ता है.
  • जैतून और सरसों का तेल सबसे फायदेमंद है जबकि रिफाइंड तेल हानिकारक है.

These Cooking Oil Dangerous: लिवर को तहस-नहस करने में शराब से बढ़कर और क्या हो सकता है. यह बात हम सब जानते हैं कि शराब और चीनी लिवर के लिए बहुत खतरनाक है लेकिन सिर्फ यही सच्चाई नहीं है. लिवर को बर्बाद करने में कुछ सीड्स आधारित तेल इससे भी ज्यादा घातक है. इनमें सूरजमुखी के तेल, कुसुम के बीज के तेल, कॉटन के तेल आदि. बाजार में जो तेल मिलते हैं उनमें से कई तेल में इन बीज के तेल को मिलाया जाता है. वहीं सनफ्लावर तेल को तो अलग से बेचा जाता है. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक ये तेल लिवर के लिए बेहद घातक साबित हो सकते हैं.

ये तेल क्यों है घातक
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट एडविना राज कहती हैं कि सनफ्लावर तेल, कुसुम के तेल, कॉटन तेल में ओमेगा 6 फैटी एसिड ज्यादा होता है. इसे लिनोलीइक नाम से जाना जाता है. इसकी थोड़ी मात्रा बहुत जरूरी है लेकिन जब इसकी मात्रा शरीर में ज्यादा हो जाए तो यह कोशिकाओं में इंफ्लामेशन बनाने लगता है. इंफ्लामेशन के कारण सूजन बढ़ने लगती है और यह लिवर में घाव करने लगता है. इससे सिर्फ लिवर ही नहीं बल्कि शरीर के सभी अंगों पर असर होता है. यही कारण है कि इन तेल को रोजाना खाने से बहुत तरह की बीमारियां हो जाती है.किम्स हेल्थ त्रिवेंद्रम में डिपार्टमेंट ऑफ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. सीमा एल कहती हैं कि अगर आप हाई ओमेगा 6 फैटी एसिड का डोज लेते हैं तो इससे इंफ्लामेशन बढ़ता है और यह लिवर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को बढ़ा देता है. इससे लिवर डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है जिसके कारण कई बीमारियां हो सकती है.

क्या सभी सीड्स ऑयल से खतरा है
बिल्कुल नहीं. सनफ्लावर, कुसुम और कॉटन तेल के अलावा ज्यादातर सीड्स के तेल बहुत फायदेमंद है. अपोलो अस्पताल में सीनियर फिजिशियन डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं कि बीज वाले इन तेलों में ओमेगा 3 फैटी एसिड ज्यादा होता है जबकि ओमेगा 6 फैटी एसिड बहुत कम. इसलिए यह ज्यादा फायदेमंद है. उन्होंने बताया कि इनमें से सबसे ज्यादा फायदेमंद जैतून का तेल और सरसों का तेल माना जाता है. अगर सरसों और जैतून के तेल को कोल्ड प्रेस्ड कर निकाला जाए तो इनसे अच्छा खाने का और कोई तेल नहीं है. लेकिन अगर इन्हें हीटिंग प्रोसेस कर बनाया जाए तो यही तेल नुकसान पहुंचाने लगता है. इसके अलावा रिफाइंड तेल हमारे लिए बहुत खराब है. यह हर तरह से हमें नुकसान पहुंचाता है. अगर यह ज्यादा गर्म हो गया तो और नुकसान पहुंचाता है. इसलिए कभी भी रोजाना रिफाइंड तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

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LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें

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शराब, सिगरेट भूल जाइए, आपकी सोच से ज्यादा घातक है खाने का यह तेल

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