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शादी के दबाव से घर छोड़ा…दर-दर ठोकर खाई-भूखी रहीं, पर हारी नहीं, फिर शुरू किया खुद का स्टार्टअप

Agency:News18 Uttarakhand

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Inspiring Story: शादी का प्रेशर कई लड़कियों पर बनाया जाता है. सुषमा के साथ भी कुछ ऐसा हुआ, जिसके बाद उन्होंने घर छोड़ने का फैसला लिया. अब वो खुद के पैरों पर खड़ी हो हुई गई हैं

Inspiring Story: सुषमा ने अपनी लाइफ में बहुत स्ट्रगल किया. करीब चार साल पहले उन्होंने अपने परिवार और समाज की बेड़ियों को तोड़ते हुए झांसी से नोएडा का रुख किया. कारण था उनके परिवार का शादी का दबाव, जिसे सुषमा मानने के लिए तैयार नहीं थीं. उनका सपना शादी से पहले कुछ बड़ा करने का था और उन्होंने इसके लिए कई मुश्किल रास्तों को अपनाया. संघर्ष के दिनों में कई रातें भूखें पेट गुजारी. पर हार नहीं मानी.

संघर्ष भरी शुरुआत
लोकल 18 से बात करते हुए सुषमा ने बताया कि नोएडा पहुंचने के बाद सुषमा के पास न तो कोई खास हुनर था और न ही कोई बड़ी नौकरी. उन्होंने यहां नौकरी के साथ-साथ सड़कों पर स्टॉल लगाकर मोमोज बेचना शुरू किया. उन्होंने निजी कंपनियों में भी छोटे-मोटे काम किए. शुरुआती दिनों में उनके हालात इतने खराब थे कि कई बार उन्हें भूखे पेट भी सोना पड़ा. लेकिन उनके अंदर कुछ कर दिखाने का जुनून हमेशा बना रहा.

सुषमा ने कहा, ‘मैंने कई जगह पर काम किया और कई ठोकरें खाई. दिन में रेस्टोरेंट में आठ घंटे की नौकरी करती थी और शाम को मेट्रो स्टेशन के नीचे मोमोज का स्टॉल लगाती थी. शुरुआत में काफी कठिनाई हुई, लेकिन मैंने हार नहीं मानी.’

नया स्टार्टअप किया शुरू
लगातार संघर्ष करने और अनुभव जुटाने के बाद, सुषमा ने अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया. आज वो नोएडा के सेक्टर 93 स्थित VDS  मार्केट के एसके 01 में सोनिवाल पिज्जा टाउन नाम से खुद का नया स्टार्टअप चला रही हैं. सुषमा का कहना है कि उन्होंने यह काम इसलिए चुना क्योंकि आज के दौर में लोग पिज्जा खाना पसंद किया जाता है. लेकिन सस्ता और अच्छा पिज्जा मिलना मुश्किल है. वो केवल 55 रुपये में पिज्जा खिला रही हैं.

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हाइजीन और किफायती कीमतों पर जोर
सुषमा का कहना है, ‘हम हाइजीन का पूरा ध्यान रखते हैं. पिज्जा बनाने के लिए अच्छी कंपनियों के मसालों का उपयोग करते हैं. मोमोज में अजीनोमोटो जैसी हानिकारक सामग्री का इस्तेमाल नहीं करते हैं. हमारे मेन्यू में सिंगल टॉपिंग पिज्जा और वेज फार्म हाउस पिज्जा जैसे विकल्प हैं. छोटे आकार से लेकर बड़े पिज्जा तक, हमारे यहां पर ग्राहक 55 रुपये से लेकर 700 रुपये तक के पिज्जा खा सकते हैं.’

आज बन रही हैं दूसरों के लिए प्रेरणा
आज सुषमा न केवल खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि उन्होंने दो अन्य लोगों को भी नौकरी दी है. उन्होने बताया कि हर दिन 4,000 से 5,000 रुपये की बिक्री होती है. वो अब दूसरों की नौकरी करने के बजाय खुद दूसरों को नौकरी देने की स्थिति में हैं.

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