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Gorakhpur Zoo : कुछ जानवरों के लिए सीमेंटेड तालाब बनाए गए हैं जिसमें हर वक्त ठंडा और साफ पानी भरा रहता है. हाथियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए दिन में दो बार नहलाया जा रहा है.

पक्षियों के बाड़ों में भी पानी के शावर और फव्वारे लगाए गए हैं.
हाइलाइट्स
- गोरखपुर चिड़ियाघर में जानवरों के लिए शावर और कूलर लगाए गए.
- जानवरों के बाड़ों में ठंडे पानी के तालाब बनाए गए.
- दर्शकों को भी जानवरों का नया अंदाज पसंद आ रहा है.
Gorakhpur Zoo. तपती गर्मी अब गोरखपुर के ‘शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान’ (चिड़ियाघर) के वन्यजीवों पर भारी नहीं पड़ रही. चिड़ियाघर प्रबंधन ने जानवरों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए कई तरह के खास इंतजाम किए हैं. इससे वन्यजीव अब गर्मी में भी ठंडक का लुत्फ उठा रहे हैं. हिमालयन भालू, गैंडा, शेर और बाघ जैसे जानवरों के बाड़ों में शावर (फुहारा) लगाए गए हैं. सोमवार को भालू बीरू को शावर के नीचे नहाते और अठखेलियां करते देखा गया. गैंडा भी पानी की बौछार में खूब उछलकूद कर रहा है. ये दृश्य न सिर्फ सुकून भरे हैं, बल्कि दर्शकों को भी खूब भा रहे हैं.
शावर के नीचे डांस
शेर और बाघ के बाड़ों में सेंट्रल कूलर (Central cooler) लगाए गए हैं, ताकि उनके बाड़ों का तापमान सामान्य बना रहे. कुछ जानवरों के लिए एक विशेष सीमेंटेड तालाब तैयार किया गया है जिसमें हर समय ठंडा और साफ पानी भरा रहता है. हाथियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए दिन में दो बार नहलाया जा रहा है. उनके लिए कीचड़ स्नान की व्यवस्था भी की गई है, ताकि वे प्राकृतिक अंदाज में ठंडक का आनंद ले सकें. दरियाई घोड़े (हिप्पो) के तालाब में पानी बढ़ा दिया गया है. पक्षियों के बाड़ों में भी पानी के शावर और फव्वारे लगाए गए हैं. तोते, मोर और बत्तखें अब शावर के नीचे खेलती नजर आती हैं.
चिड़ियाघर के उप निदेशक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि हम मौसम के अनुसार सभी जानवरों की खुराक और सुविधा में बदलाव कर रहे हैं ताकि उन्हें किसी प्रकार की असहजत न हो. इस गर्मी में गोरखपुर चिड़ियाघर वन्यजीवों के लिए शिमला से कम नहीं है. यहां न सिर्फ जानवर राहत महसूस कर रहे हैं बल्कि दर्शकों को भी उनका ये नया अंदाज दूर से ही लुभा रहा है.
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