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वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में कई शेर पढ़े. कुंभ के योग और उसके फल संबंधी संस्कृत के श्लोक से शुरू करके उन्होंने कई शेरों के जरिए अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया तो सीएम योगी की तारीफ में ए…और पढ़ें

संस्कृत के श्लोक से कुंभ महिमा बताने के बाद वित्तमंत्री ने सीएम योगी की शान में गढ़ा ये शेर

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना

हाइलाइट्स

  • वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बजट भाषण में कई शेर पढ़े.
  • सीएम योगी की तारीफ में गढ़ा हुआ शेर भी सुनाया.
  • बजट में विकास योजनाओं और उपलब्धियों का जिक्र किया.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना प्रदेश के बजट की शुरुआत संस्कृत के श्लोक से की तो उसके बाद पूरे बजट में कई शेर भी पढ़े. शुरुआत में पिछली सरकार को खराब माली हालत के लिए कोसते हुए बशीर बद्र का बहुत लोकप्रिय शेर पढ़ा. लेकिन अंतिम शेर से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के परताप का जोरदार गुणगान भी किया –

लोग यहां ख्वाब दिखाते हैं अक्सर,
हरेक ख्वाब को सच कर दिया है योगी ने

कायम कर चुके हैं रिकॉर्ड
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना एक ही सीट से नौ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी कायम कर चुके हैं. साथ ही उन्हें प्रदेश का भारी भरकम बजट पेश करने का मौका मिला तो उन्होंने कहा भी कि प्रदेश जल्द ही वन ट्रिलियन के बजट की ओर तेजी से बढ़ेगा. विकास की व्यापक योजनाओं के प्रति सरकार का नजरिया पेश करते हुए उन्होंने शेर पढ़ा –

तुम सोच रहे हो, बस बादल की उड़ानों तक
मेरी तो निगाहें हैं, सूरज के ठिकानों तक

बिजली की सुविधा पर भी सुनाया शेर
खन्ना के इस शेर को सदन ने दुबारा सुनाने के लिए भी कहा और उन्होंने सुनाया भी. ये भी खास बात रही कि उनकी घोषणाओं से कम तालियां उनके शेरों पर भी नहीं बजीं. बिजली की सुविधा के विस्तार की घोषणा करते हुए जो शेर पढ़ा, वो भी रोचक है.

अज्मते जिंदगी की कसम है हमें,
जर्रे जर्रे में महफिल सजा देंगे हम
तेरे दीवारो दर जगमगा देंगे हम

समझो वसंत है!
वैसे तो हर बार सरकार का बजट सत्र वसंत में ही होता है. ये अलग बात है कि सरकारों की योजनाएं सबके लिए वसंत नहीं ला पाती लेकिन वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने खुद ही इस बार बता दिया कि वसंत कब होगा –

कोई न हो उदास तो समझो वसंत है,
हर घर में हो उल्लास तो समझो वसंत है.
जो कंठ तरसते रहे पानी को हमेशा,
बुझ जाए उनकी प्यास तो समझो वसंत है.

हालांकि, इस शेर का इस्तेमाल उन्होंने घरों में नल से पानी की सुविधा मुहैया कराने की घोषणा के दौरान किया. अर्थव्यवस्था में बीजेपी सरकार के आने के बाद से आए बदलावों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा –

लोग कहते हैं बदलता है जमाना अक्सर,
खास वो हैं जो जमाने को बदल देते हैं.

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पढ़ा शेर 
बदलाव का ही एक बार और जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि बीजेपी सरकार आने के बाद से स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा परिवर्तन हुआ है. इसे बताने के लिए उन्होंने शेर पढ़ा –
रात कितनी ही हो स्याह आखिर में, उसे
मात खानी ही पड़ेगी रोशनी के हाथ से

हर बात कही शेरों से
कानून व्यवस्था कसने और अदालतों में अभियोजन की कार्यवाही तेज करने के लिए धन आवंटित करते हुए उन्होंने फिर पिछली सरकारों को ठीली ठाली कानून व्यवस्था के लिए धिक्कारा. साथ ही योगीराज में “अपराधियों” परबरती गई सख्ती का जिक्र करते हुए पढ़ा –

कश्ती चलाने वालों ने जब हार के दी पतवार हमें,
लहर-लहर तूफान मिले और संग-संग मझधार हमें.
फिर भी दिखलाया है हमने और आगे दिखा भी देंगे,
इन हालातों में आता है दरिया करना पार हमें.

योगी को कहा ‘कर्मयोगी’
बजट भाषण की शुरुआत में ही वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तपोनिष्ठ कर्मयोगी बताते हुए उनके बारे बशीर बद्र का शेर पढ़ा –

जिस दिन से चला हू मेरी मंजिल पे नजर है,
आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा.

महाकुंभ को बताया सरकार की सफलता
प्रयाराज महाकुंभ को योगी सरकार अपनी एक बड़ी सफलता के तौर पर देखती है. लिहाजा वित्त मंत्री ने भी मौका नहीं छोड़ा और अपने बजट भाषण की शुरुआत संस्कृत के श्लोक से की. इसमें कुंभ के नक्षत्रों के योग और उसके फल का जिक्र है –

“मेष राशिगते जीवे मकरे चन्द्रभास्करौ। अमावस्या तदा योगःकुम्भख्यस्तीर्थ नायके.”

अर्थात बृहस्पति मेष राशि में तथा चन्द्र और सूर्य मकर राशि में जब आते हैं और अमावस्या तिथि हो तो तीर्थो के नायक प्रयाग में कुम्भयोग होता है. हमारी प्राचीन आस्था, धर्म और संस्कृति के प्रतीक कुम्भ योग को अनादिकाल से सर्वश्रेष्ठ साक्षात मुक्ति पद की संज्ञा दी गई है.

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श्लोक से कुंभ महिमा बताने के बाद वित्तमंत्री ने CM योगी की शान में गढ़ा ये शेर

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