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Mamta Kulkarni Mahamandleshwar Row: ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ 2025 में जूना अखाड़े से जुड़े किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि ली है. साल 2000 में ड्रग केस में फंसी एक्ट्रेस के महामंडलेश्वर बनने पर कई संतों …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- ममता कुलकर्णी बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर.
- संतों ने ममता के महामंडलेश्वर बनने पर आपत्ति जताई.
- लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता का बचाव किया.
मुंबई. ममता कुलकर्णी को हाल ही में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनी हैं. महाकुंभ में किन्नर अखाड़े की अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता को दीक्षा दी और उनका नया नाम श्रीयमाई ममता नंदगिरी दिया. ममता के महामंडलेश्वर बनने पर विवाद भी खड़ा हो गया. कई संतों ने ममता के महामंडलेश्वर बनने पर आपत्ति जताई है और इसकी आलोचना कर रहे हैं. हालांकि लक्ष्मी नारायण ने ममता का बचाव किया है. कई संतों ने सवाल उठाए हैं कि ममता की कंट्रोवर्शियल हिस्ट्री रही है, फिर उन्हें इतनी बड़ी उपाधि क्यों दी गई?
संतों ने ममता कुलकर्णी को इस उपाधि के लिए आयोग्य बताया है. ममता को महामंडलेश्वर बनाने पर शांभवी पीठ के प्रमुख श्री स्ववामी आनंद स्वरूप महाराज ने इसे सनातन धर्म के साथ विश्वासघात बताया है. उन्होंने ममता को नसीहत दी कि वे उस जाल में न फंसें. ममता ने एक बयान में इसे एक जाल बताया था.
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आनंद स्वरूप महाराज ने चेतावनी दी कि महिलाओं के लिए कोई त्याग मार्ग नहीं है और ममता के काम महामंडलेश्वर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इनके अलावा, निरंजनी आनंद अखाड़े के महामंडलेश्वर बालकनंद जी महाराज और आचार्य महामंडलेश्वर का पद संभालने वाले बालकनंद जी ने भी ममता के महामंडलेश्वर पर आपत्ति जताई है.
महामंडलेश्वर बनने पहले चरित्र अच्छा होना चाहिएः महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद गिरि
महामंडलेश्वर बालकनंद जी महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर की उपाधि किसी व्यक्ति के कैरेक्टर, लाइफ स्टाइल और बैकग्राउंड की काफी जांच-पड़ताल के बाद दी जाती है. पंच दशनाम अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद गिरि ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए. उनका मानना है कि इस पद पर आने से पहले व्यक्ति का नैतिक चरित्र अच्छा होना चाहिए, उसके पास ज्ञान होना चाहिए और उसे समाज का नेतृत्व करना चाहिए.
रवींद्र पुरी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किया ममता कुलकर्णी को सपोर्ट
हालांकि, कई संतों ने ममता कुलकर्णी को सपोर्ट किया है, इनमें ममता को दीक्षा और उपाधि देने वाली लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी भी शामिल हैं. परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि त्याग जीवन के किसी भी चरण में आ सकता है और ममता के अतीत को आध्यात्मिक विकास की उनकी क्षमता पर हावी नहीं होने देना चाहिए.
Mumbai,Maharashtra
January 28, 2025, 10:23 IST
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