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पश्चिम चम्पारण. बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िले के किसान इन दिनों सफेद नहीं, बल्कि लाल मूली की खेती पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. ज़िले के मझौलिया, नरकटियागंज, बगहा तथा रामनगर जैसे प्रखंडों में लाल मूली की खेती मुख्य रूप से की जा रही है. किसानों की मानें तो जितना समय एवं खर्च सफेद मूली की खेती में लगता है, ठीक उतने ही खर्च एवं समय में लाल मूली की भी पैदावार संभव हो पा रही है. लेकिन यदि हम बात पोषक तत्वों एवं कीमत की करें, तो सफेद की तुलना में लाल मूली ज्यादा पौष्टिक एवं कीमती है. किसानों की मानें तो, जहां बाजार में सफेद मूली की कीमत 10 से 12 रुपए प्रति किलो है, तो वहीं लाल मूली की कीमत 25 रुपए प्रति किलो तक है.

15 रुपए प्रति किलो तक महंगी बिकती है सफेद मूली
जिले के मझौलिया प्रखंड स्थित माधोपुर निवासी आलोक कुमार बताते हैं कि उन्होंने करीब एक कट्ठे में सिर्फ लाल मूली की खेती की है. इसकी खेती का तरीका भी एकदम सफेद मूली की तरह ही है. खेतों में लगाए जाने के बाद इसे उपजने में करीब 40 दिनों का समय लगता है. एक बार उपज जाने के बाद आप इसे बाजार में सफेद की तुलना में 10 से 15 रुपए प्रति किलो की अधिक कीमत पर बड़ी आसानी से बेच सकते हैं.

बलुई दोमट मिट्टी में करें खेती
बता दें कि माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को प्रेरित करने हेतु लाल मूली को सफलता पूर्वक उपजाया गया है. केंद्र में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह बताते हैं कि लाल मूली की खेती बलुई दोमट मिट्टी में की जाती है, जिसमें पानी नहीं रुकता है. इसकी बुआई से पहले खेत को 2 से 3 बार जोत कर मिट्टी को अच्छे से भुरभुरा कर लेना चाहिए. फिर बुवाई से पहले खेत में वर्मी कंपोस्ट या गोबर की खाद इत्यादि का उपयोग करना चाहिए, ताकि पौधों में पोषण की कमी न हो.

पोषक तत्वों का भंडार 
बकौल डॉ. अभिषेक, सफेद मूली की तुलना में लाल मूली अधिक पोषक तत्वों का भंडार है. इसमें विटामिन ए, ई, सी, बी 6, और की मात्रा खूब पाई जाती है. इसके अलावे यह एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, जिंक, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, तांबा, कैल्शियम, आयरन तथा मैंगनीज से भरी होती है. शरीर को कई रोगों से मुक्त रखने के लिए ये सभी पोषक तत्व अहम भूमिका निभाते हैं.

स्वास्थ्य संबंधित दर्जनों समस्याओं का समाधान
विशेषज्ञों की मानें तो, लाल मूली के सेवन से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है, हृदय संबंधित समस्या तथा त्वचा संबंधित समस्या में राहत मिलती है. इम्यूनिटी बूस्ट होता है तथा रेड ब्लड सेल्स के लिए काफी प्रभावी होता है. इतना ही नहीं, लाल मूली का सेवन शरीर को हाइड्रेट रखता है तथा रक्त वाहिकाओं को मजबूती प्रदान करता है. यह शरीर में फाइबर की अधिकता को बढ़ाता है तथा डायबिटीज के खतरे को कम करता है.

Tags: Bihar News, Champaran news, Health, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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