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Saavan 2025: गाजियाबाद में इन दिनों कांवड़ यात्रा का माहौल पूरे चरम पर है. जहां एक ओर शिवभक्त पूरी श्रद्धा से यात्रा में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर इस धार्मिक उत्साह का असर शहर की सामान्य दिनचर्या और ज़रूरी आपूर्त…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- कांवड़ यात्रा से गाजियाबाद में सड़कें बंद
- फल-सब्जियों की कीमतें बढ़ीं, जनता परेशान
- ट्रांसपोर्ट प्रभावित, मंडियों में माल की कमी
पुराने बस अड्डे की सब्जी मंडी में व्यापारियों ने बताया कि इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान सब्जियों की आवक लगभग 50 प्रतिशत तक कम हो गई है. कांवड़ यात्रा के कारण ट्रांसपोर्ट प्रभावित है. कई ट्रक रास्ते में ही फंसे हुए हैं और समय पर मंडी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इससे बाजार में आपूर्ति घट गई है, जबकि मांग लगातार बनी हुई है. इसी कारण सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं.
मंडी में सब्जी बेचने वाले कई व्यापारियों का कहना है कि पहले जो तोरई 20 रुपये किलो मिलती थी, वह अब 30 रुपये किलो बिक रही है. टमाटर, भिंडी, लौकी जैसी हरी सब्जियों के दाम भी 5 से 10 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं. कुछ सब्जियां तो दोगुनी कीमत पर बिक रही हैं. ग्राहक मजबूरी में महंगा माल खरीद रहे हैं, वहीं व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ गया है और कई बार रास्ते में ही माल खराब हो जाता है.
मंडी तक नहीं पहुंच रहा माल
कांवड़ यात्रा के साथ-साथ इस बार बारिश और उमस भरे मौसम ने भी हालात को और बिगाड़ दिया है. खेतों से सब्जियों की तुड़ाई में देरी हो रही है और नमी के कारण कई बार माल जल्दी खराब हो रहा है. इन दोनों कारणों से आपूर्ति लगातार प्रभावित हो रही है. हालांकि आलू और प्याज की कीमतों में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन इनकी सप्लाई पर भी असर पड़ा है. व्यापारी बताते हैं कि आलू और प्याज से भरे ट्रक हाईवे पर खड़े हैं और जाम के कारण समय से मंडी नहीं पहुंच पा रहे. इस पूरी स्थिति का सबसे ज्यादा असर आम जनता पर पड़ रहा है. रोज़ की जरूरत की चीजें महंगी होने से लोगों के बजट पर बोझ बढ़ गया है. हर साल कांवड़ यात्रा के समय यह समस्या आती है, लेकिन सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई ठोस इंतजाम नहीं किए जाते.
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