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Genetic Tests Benefits: जेनेटिक टेस्ट में डीएनए से जुड़ी सभी जानकारियां मिल सकती हैं, जिससे भविष्य में होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. इससे लोगों को कई गंभीर बीमारियों से बचने में मदद मिल सकती है.
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जेनेटिक टेस्टिंग कई बीमारियों से बचाने में मददगार हो सकती है.
हाइलाइट्स
- जेनेटिक टेस्ट से भविष्य की बीमारियों का पता चलता है.
- डीएनए जांच से जन्म दोष और वंशानुगत बीमारियों का पता चलता है.
- जेनेटिक टेस्ट से व्यक्तिगत चिकित्सा में मदद मिलती है.
All About Genetic Tests: कई टेस्ट ऐसे होते हैं, जिनके जरिए बीमारियां होने से पहले ही खतरे का पता लगाया जा सकता है. इनमें जेनेटिक टेस्ट (Genetic Tests) शामिल हैं. इन टेस्ट के जरिए भविष्य में होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकता है और उनका इलाज किया जा सकता है. आज के समय में बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है और लोगों को अपनी कंडीशन का पता ही नहीं चल पाता है. जब समस्या गंभीर हो जाती है, तब लोग टेस्ट कराने जाते हैं. ऐसे में बीमारियों का इलाज करना भी मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि सभी के लिए आनुवांशिक जांच कराना बहुत जरूरी है.
दिल्ली स्थित मॉलिक्यूलर बायोलॉजी रीजनल रेफरेंस लैब के हेड डॉ. प्रणव गुप्ता ने बताया कि जेनेटिक टेस्ट आपके डीएनए की जांच करके यह बताता है कि क्या आपको जन्म दोष, गुणसूत्र संबंधी विकार या वंशानुगत कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं. डीएनए आपके शरीर का ब्लूप्रिंट है और इसमें ऐसी जानकारी होती है, जो आपके शारीरिक लक्षणों से लेकर बीमारी के निदान तक सब कुछ निर्धारित करता है. आनुवांशिक परीक्षण से यह भी पता चलता है कि आपको डायबिटीज, कैंसर और हार्ट डिजीज जैसी स्वास्थ्य समस्याएं विरासत में मिली हैं या इसके विकसित होने का जोखिम है.
आनुवांशिक परीक्षण का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह व्यक्ति को यह जानने में मदद करता है कि उनका शरीर कुछ दवाओं के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करेगा. इस जानकारी के आधार पर व्यक्ति अपनी जीवनशैली में बदलाव कर सकता है और भविष्य में किसी बीमारी से बच सकता है. आनुवांशिक परीक्षण एक तरह से भविष्य की सेहत को सुधारने के लिए प्रेरित करता है. आनुवांशिक परीक्षण व्यक्तिगत चिकित्सा में सहायक है. सभी उपचार विकल्प हर किसी के लिए समान नहीं होते. आनुवांशिक परीक्षण के माध्यम से डॉक्टर आपको ऐसी दवाएं देने में सक्षम होते हैं जो आपकी प्रोफाइल के अनुसार सही हैं.
आनुवांशिक परीक्षण परिवार नियोजन में भी मददगार हो सकता है. यह विशेष रूप से उन कपल्स के लिए उपयोगी है, जो गर्भधारण की योजना बना रहे हैं. इस परीक्षण से यह पता चल सकता है कि वे किसी आनुवांशिक विकार से पीड़ित हैं, जो उनके बच्चों को हो सकता है. यह जानकारी गर्भधारण और प्रजनन संबंधी महत्वपूर्ण निर्णयों में मदद कर सकती है. अगर कोई व्यक्ति यंग एज में जेनेटिक टेस्ट करवा ले, तो लंबी उम्र तक बीमारियों से बच सकता है.
February 20, 2025, 15:58 IST
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