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खंडवा की सर्दियों में कड़कनाथ मुर्गा लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है. ठंड के बढ़ते ही इसके प्रति दीवानगी भी बढ़ती दिख रही है. इस अनोखे मुर्गे की मांग ने इसके दामों को भी आसमान छूने पर मजबूर कर दिया है. जहां पहले कड़कनाथ 1200 रुपये प्रति किलो मिलता था, वहीं अब इसकी कीमत 2000 रुपये से ऊपर जा चुकी है. मांग इतनी बढ़ गई है कि इसे पाना भी मुश्किल हो गया है.
क्यों है कड़कनाथ इतना खास?
कड़कनाथ मुर्गा अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों और पोषण से भरपूर होने की वजह से खासा लोकप्रिय है. अन्य मुर्गों के मुकाबले इसका मांस प्रोटीन से भरपूर और फैट व कोलेस्ट्रॉल में बेहद कम होता है. यही कारण है कि यह हृदय रोगियों और फिटनेस के प्रति सजग लोगों के लिए बेहतर विकल्प बनता है. आयरन, जिंक, फॉस्फोरस और कई अन्य पोषक तत्वों की अधिकता इसे और भी उपयोगी बनाती है.
स्वास्थ्य लाभ और औषधीय गुण
कड़कनाथ के मांस में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं. ठंड के मौसम में यह शरीर को गर्मी प्रदान करता है और कमजोरी को दूर करता है. कोरोना महामारी के बाद लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हुई है, जिससे कड़कनाथ की मांग और भी बढ़ गई है. पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद में भी इसे बेहद फायदेमंद माना गया है.
झाबुआ से पूरे देश में आपूर्ति
कड़कनाथ की पहचान उसके काले मांस और काले खून से होती है. यह झाबुआ के आदिवासी इलाकों में पाला जाता है और यहीं से देशभर में इसकी आपूर्ति होती है. खंडवा के एग्रीकल्चर कॉलेज में इसका फार्म होने के कारण यहां के लोगों को इसे पाना थोड़ा आसान हो जाता है. स्थानीय लोग भी इसे पालकर बेचने लगे हैं, जिससे इसकी उपलब्धता में मदद मिल रही है.
लोकप्रियता का नया स्तर
कड़कनाथ की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि बड़ी-बड़ी पार्टियों में इसे प्राथमिकता दी जा रही है. नॉनवेज खाने वाले लोग ठंड के समय अन्य विकल्पों की जगह कड़कनाथ को ही पसंद कर रहे हैं. खंडवा के निवासी समीर खान बताते हैं कि ठंड में कड़कनाथ न केवल इम्यूनिटी को बूस्ट करता है, बल्कि शरीर में गर्मी भी बनाए रखता है. यही कारण है कि लोग देशी और बॉयलर मुर्गे को कम खाकर कड़कनाथ को प्राथमिकता दे रहे हैं.
सरकार का समर्थन और स्थानीय पहल
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यकाल में कड़कनाथ को बढ़ावा देने के लिए वाइन शॉप्स के पास इसकी दुकानों को खोलने का आदेश दिया गया था. इससे यह आम लोगों तक सुलभ हो गया था. हालांकि, अब इसकी मुख्य आपूर्ति झाबुआ और कुछ स्थानीय फार्मों से ही हो रही है.
विदेशों में भी मांग
कड़कनाथ की लोकप्रियता सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. इसके औषधीय और पोषण संबंधी गुणों के कारण विदेशों में भी इसकी भारी मांग है. इसका काला मांस इसे और भी विशिष्ट बनाता है, जो इसे अन्य मुर्गों से अलग पहचान दिलाता है.
Tags: Eat healthy, Health, Khandwa news, Local18, Madhyapradesh news
FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 10:31 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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