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सौरभ वर्मा/ रायबरेली: बढ़ती कड़ाके की ठंडक से आम जनमानस के परेशान होने के साथ ही बढ़ी हुई सर्दी में पड़ने वाले पाले से किसानों की चिंता भी बढ़ने लगी है. क्योंकि ठंडक बढ़ने के साथ ही फसलों पर पाला पड़ने की आशंका बढ़ जाती है. बढ़ी हुई ठंडक के साथ ही कोहरा रबी व बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचाता है. तो आइए कृषि विशेषज्ञ से जानते हैं पाले व कोहरे से फसलों का बचाव कैसे करें?
कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि रबी के सीजन की कुछ फसलें गेहूं, चना ,मटर ,सरसों , मसूर व जौ पाले को सहन कर लेती हैं. साथ ही कुछ ऐसी फसलें हैं, जो ज्यादा ठंड व पाला पड़ने पर खराब हो जाती हैं. जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है. साथ ही वह बताते हैं कि अधिक ठंड, कोहरा व पाला पड़ने से झुलसा रोग लगने का खतरा भी ज्यादा रहता है. इसीलिए जरूरी है कि किसान कुछ आसान उपाय अपनाकर कोहरे व पाले से अपनी फसल का बचाव कर सकते हैं.
इन फसलों के लिए हानिकारक है पाला व कोहरा
लोकल 18 से बात करते हुए शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि सर्दी के मौसम में पाले एवं कोहरे में सबसे अधिक नुकसान आलू, टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूल एवं पत्ता गोभी पर पड़ता है. पाला एवं कोहरा पड़ने पर इन फसलों में झुलसा रोग लगने के भी संभावना बढ़ जाती है. जिससे यह फसलें खराब हो जाती हैं. इसलिए इससे बचाव के लिए किसानों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. जिससे उन्हें किसी भी प्रकार के नुकसान का सामना न करना पड़े.
इस तरह करें बचाव
शिव शंकर वर्मा के मुताबिक कोहरा एवं पाला से अपनी फसलों का बचाव करने के लिए किसान फसलों की जल्दी-जल्दी सिंचाई करते रहें, गंधक तेजाब का फसलों पर छिड़काव करें, नर्सरी में पौधों को बचाव के लिए पुआल का इस्तेमाल करें, रासायनिक दवा का छिड़काव करें. वहीं खेतों के किनारे शाम के समय धुआं कर दें. जिससे फसल पर कोहरा एवं पाला का प्रभाव ना पड़े. इस तरह से किसान सर्दी के मौसम में पड़ने वाले कोहरा एवं पाला से अपनी फसलों का बचाव कर सकते हैं.
Tags: Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : December 22, 2024, 08:43 IST
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