[ad_1]
Last Updated:
Basak Leave Benefits: मधुबनी में सर्दी-जुकाम के लिए बासख पत्ता, तुलसी, काली मिर्च आदि से काढ़ा बनाकर घरेलू नुस्खे अपनाए जाते हैं, जो बिना साइड इफेक्ट के राहत देते हैं. बुजुर्ग इसे परंपरागत रूप से उपयोग करते हैं…और पढ़ें

घरेलू उपचार
मधुबनी. जमाना चाहे चांद पर क्यों न पहुंच जाए आज भी लोग दादी नानी के नुस्खे अपनाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. मौसम का मिजाज बदल रहा है और सर्दी जुकाम भी लोगों को हो रहा है ऐसे में घरेलू नुस्खा भी अपनाया जा रहा है, जिसमें बासख पत्ता, काली मिर्च तुलसी पत्ता और कुछ घरेलू चीजों का इस्तेमाल से काढ़ा बनाया जाता है जिसे पीने से सर्दी जुकाम गायब हो जाता है, जाइए रेमेडी…
आप हमेशा अपने आसपास बुजुर्गों से सुनते होंगे कि सर्दी लग गई है, काढ़ा बना कर पिला दो, चूंकि पुराने लोग इसका उपयोग ज्यादा करते हैं और वो अपने बच्चों को भी देने की कोशिश करते है. बहरहाल ग्रामीण क्षेत्रों में बासख पेड़ आराम से आपको कहीं भी दिख जाएगा. लोग अपने बगीचे में एलोवेरा, नीम की तरह बासख यह पेड़ लगाते हैं, और घरेलू नुस्खे जो परंपरागत तौर से होते आई है इसका सर्दी खांसी बुखार कफ में इस्तेमाल करते है. बता दे कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है.
बनाने की विधि
महिला बताती हैं कि घरेलू उपचार से बनने वाले काढ़े की विधि बहुत ही सरल है. इसके लिए कुछ सामग्री चाहिए, जैसे बासख पत्ता, तुलसी के पत्ते, लौंग, काली मिर्च, नमक, और थोड़ी-सी चायपत्ती. इन सभी चीजों को एक पतीले में गर्म पानी के साथ डालकर थोड़ी देर तक उबाला जाता है. उदाहरण के लिए, यदि 1 लीटर पानी में ये सभी सामग्री डाली जाए, तो इसे उबालकर आधा लीटर पानी रहने तक पकाया जाता है. फिर इसे गर्म-गर्म पिया जाता है, जिससे सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है. इसके अलावा, काढ़े को एक और तरीके से भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे एक बार बनाकर 10-15 दिनों तक स्टोर किया जा सकता है. काढ़े को किसी बोतल में भरकर रख लें और रोज़ाना थोड़ा-थोड़ा पी सकते हैं.
यह भी पढ़ें- गजब चोर…लड़कियों के अंडर गारमेंट्स की करता था चोरी, 2 साल बाद खुला राज, जानें माजरा
बच्चों के लिए भी फायदेमंद
इन घरेलू उपचार से सर्दी जुकाम से बहुत ही रहता मिलती है, साथ ही इसमें ना पैसे लगते ना कोई साइड इफेक्ट होता है. इसके स्वाद की बात करें तो यह पीने में थोड़ा सा कड़वा लगता है, क्योंकि बासख पत्ता नीम की तरह थोड़ा सा तीता होता है, लेकिन काफी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. अभी भी यहां बूढ़े बुजुर्ग इसका इस्तेमाल ज्यादा करते ना की दवा का इस्तेमाल, हमारी दादी नानी काढ़ा बनाकर अपने बच्चों को देती ताकि राहत मिले.

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f… और पढ़ें
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
[ad_2]
Source link