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जालोर:- जालोर में इस साल सर्दी का असर माउंट आबू से भी ज्यादा महसूस किया जा रहा है. जैसे-जैसे तापमान गिर रहा है, लोगों की पसंद कड़ाई का दूध बनता जा रहा है. शहर में प्रतिदिन लगभग एक क्विंटल दूध की खपत हो रही है. सर्दियों की ठंड में गर्मागर्म कड़ाय का दूध न सिर्फ शरीर को गर्माहट देता है, बल्कि स्वाद और ऊर्जा का भी बेहतरीन स्रोत बन गया है. बढ़ती ठंड और दूध की मांग से चौराहों पर भी बहुत रौनक देखने को मिल रही है.

स्वाद और सेहत का खजाना
जालोर में कड़ाके की ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है. सर्दियों का मौसम जैसे-जैसे अपने चरम पर पहुंच रहा है, वैसे-वैसे गर्म पेय पदार्थों की मांग बढ़ रही है. खासकर कड़ाई का दूध, जो न केवल शरीर को गर्माहट देता है, बल्कि स्वाद और सेहत दोनों का खजाना है. यहां प्रतिदिन लगभग एक क्विंटल दूध की खपत हो रही है. ठंड के इस मौसम में जालोर के चौराहों पर कड़ाई का दूध बेचने वालों की दुकानें खासी व्यस्त हैं. लोग शाम को गर्म दूध का आनंद लेने के लिए दुकानों पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

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30 सालों से चल रही ये दुकान
स्थानीय व्यापारी दुदाराम ने लोकल 18 को बताया कि ठंड में इस बार दूध की खपत बढ़ गई है. उनका यह दुकान पिछले 30 सालों से चल रहा है और उनके यहां आने वाला दूध गांव से आता है. गाय के दूध में फैट बहुत होता है, जिससे मलाई बहुत अच्छी आती है. इस दूध में बहुत से ड्राई फूट और मसाले डालकर यह दूध तैयार किया जाता है, जिसका मूल्य मात्र पचास रुपए है. मौजूदा ग्राहक और पर्यटकों ने Local 18 को बताया कि यहां मिलने वाला दूध बहुत ही शुद्ध है और इस दूध का स्वाद कई वर्षों से बरकरार है. पर्यटकों ने बताया कि वह जब भी जालोर आते हैं, तो वो यहां कड़ाई के इस दूध का लुफ्त उठाते हैं और उन्हें यहां का स्वाद बहुत ही लाजवाब लगता है.

Tags: Food, Local18, Rajasthan news

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