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Aligarh News in Hindi Today: स्कूलों में कब कौन टीचर आ रहा है और कब कौन दूसरी जगह ट्रांसफर होकर जा रहा है इससे वहां के स्टाफ और बच्चों को कुछ खास फर्क नहीं पड़ता. हालांकि, कुछ टीचर्स का बच्चों और अपने स्टाफ के …और पढ़ें

निलंबन के बाद स्कूल पहुँचे शिक्षक से लिपटकर रोए शिक्षक और बच्चे, वीडियो वायरल
अलीगढ़: आमतौर पर लोग एक बात कहते हुए दिख जाते हैं कि अब के टीचर और स्टूडेंट पहले जैसे नहीं रहे. उनके बीच एक दूसरे के प्रति पहले जैसा डर और सम्मान अब कम दिखता है. इसके पीछे शिक्षा की दिशा में किए जा रहे तमाम सुधारों के साथ ही शिक्षा के बाजारीकरण को भी लोग बड़ा कारण मानते हैं. यही वजह है कि अब पहले जैसे गुरु-शिष्य के रिश्ते अब बहुत प्रोफेशनल दिखते हैं. हालांकि, आज भी कई जगह ऐसा देखने में आता है जहां शिक्षकों और छात्रों के बीच गहरे और भावानात्मक संबंध हैं. ऐसा ही एक भावनात्मक दृश्य उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के छर्रा क्षेत्र स्थित कंपोजिट विद्यालय सिरसा में देखने को मिला.
वहां के प्रधानाध्यापक विजेंद्र सिंह निलंबन के बाद जब स्कूल पहुंचे तो स्कूल परिसर में भावुक माहौल देखने को मिला. प्रधानाध्यापक के निलंबन की खबर सुनते ही स्कूल का पूरा माहौल बदल गया. जैसे ही वह विद्यालय पहुंचे वहां मौजूद शिक्षक, स्टाफ और बच्चे अपने आंसू नहीं रोक सके. सभी की आंखों में उदासी थी और कई शिक्षक और बच्चे तो उनसे लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे.
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में यह दृश्य दिल को झकझोर देने वाला था. बच्चों की आंखों में अपने गुरु जी को खोने का गम साफ झलक रहा था. कुछ बच्चों ने तो अपने प्रिय शिक्षक के पैरों को पकड़ लिया और गिड़गिड़ाने लगे कि गुरुजी हमें छोड़कर मत जाइए. हम आपके बिना स्कूल नहीं आएंगे. यह भावनात्मक दृश्य वहां मौजूद हर किसी को भावुक कर देने वाला था.
इस मार्मिक घटना का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. देखते ही देखते यह वीडियो तेज़ी से वायरल हो गया. हजारों लोगों ने इसे शेयर किया और प्रधानाध्यापक के निलंबन पर सवाल उठाने लगे. वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चे और शिक्षक भावुक होकर प्रधानाध्यापक से लिपट रहे हैं. कुछ बच्चे रोते हुए कहते दिख रहे हैं कि सर आप बहुत अच्छे हैं आपको क्यों हटाया जा रहा है? यह वीडियो सामने आते ही लोगों ने प्रशासन के फैसले की आलोचना करनी शुरू कर दी.
यह था पूरा मामला
दरअसल, प्रधानाध्यापक विजेंद्र सिंह को सरकारी आदेश के तहत निलंबित कर दिया गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने मिड-डे मील योजना के तहत मिलने वाले फलों की जगह गाजर और मटर का वितरण करवा दिया था. सरकार के नियमों के अनुसार, बच्चों को मिड-डे मील में फल वितरित किए जाने थे, लेकिन प्रधानाध्यापक ने उसकी जगह गाजर और मटर बांटने का आदेश दिया. इस पर शिक्षा विभाग ने इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
बच्चों के प्रिय शिक्षक क्यों थे विजेंद्र सिंह?
विद्यालय के बच्चों और अन्य शिक्षकों के अनुसार, विजेंद्र सिंह न केवल एक अच्छे प्रधानाध्यापक थे बल्कि एक मित्रवत शिक्षक भी थे. उन्होंने बच्चों की शिक्षा और विद्यालय के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए थे. उनके बारे में बताया जाता है कि वे छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की भी शिक्षा देते थे. उन्होंने विद्यालय में स्वच्छता अभियान चलाया, खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया और कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षाएँ भी लगवाईं. बच्चे उन्हें केवल शिक्षक नहीं, बल्कि अभिभावक मानते थे. यही कारण था कि उनके निलंबन की खबर सुनते ही पूरे स्कूल में शोक और आक्रोश का माहौल बन गया.
सोशल मीडिया पर मामला गर्माने के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासन भी हरकत में आया. अधिकारियों ने बताया कि विजेंद्र सिंह पर सरकारी नियमों का पालन न करने का आरोप था, इसलिए उन्हें निलंबित किया गया.
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