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यह रेसिपी खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो डाइट में कुछ नया और पौष्टिक शामिल करना चाहते हैं. यह ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक किसी भी समय खाया जा सकता है. आइए जानें कैसे बनाएं मोरिंगा थालीपीठ और इसके क्या-क्या फायदे हैं.
एक नॉन-स्टिक पैन में तिल का तेल गरम करें. उसमें राई, उड़द दाल और चना दाल डालें और हल्का सुनहरा होने तक भूनें. फिर गैस बंद कर दें और इसे अलग रख लें.
2. आटा तैयार करें
एक बड़े बाउल में रागी का आटा लें. उसमें हरी मिर्च, सफेद तिल, नमक, सूखी लाल मिर्च, प्याज और ताजे मोरिंगा के पत्ते डालें. अब इसमें तैयार किया हुआ तड़का डालें और सबको अच्छे से मिला लें.
अब इसमें लगभग ½ कप गुनगुना पानी डालकर नरम आटा गूंथ लें. ध्यान रहे कि आटा ज्यादा गीला ना हो, बस हल्का सॉफ्ट होना चाहिए ताकि थालीपीठ अच्छे से फैल जाए.
4. थालीपीठ बनाएं
गैस पर नॉन-स्टिक तवा रखें. गीले हाथ से आटे का एक हिस्सा लें और उसे तवे पर फैलाते हुए पतली टिक्की जैसा बना लें. उसमें कुछ छोटे छेद करें और उन छेदों में व चारों ओर थोड़ा तेल डालें.
5. पकाएं
अब इसे मीडियम आंच पर 2-3 मिनट तक पकाएं. फिर पलट दें और दूसरी तरफ भी 1-2 मिनट तक सेंक लें. इसी तरह बाकी थालीपीठ भी बनाएं.
गर्मा-गरम थालीपीठ को नारियल की चटनी और गुड़ के साथ सर्व करें. चाहें तो दही या अचार के साथ भी खा सकते हैं.
मोरिंगा यानी सहजन के पत्ते पोषण का पावरहाउस माने जाते हैं. इसमें अंडों से ज्यादा प्रोटीन, पालक से ज्यादा आयरन, गाजर से ज्यादा विटामिन ए और दूध से ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है. यह शरीर की सूजन कम करता है, इम्युनिटी को बढ़ाता है और एनर्जी लेवल को भी बनाए रखता है. यही वजह है कि इसे सुपरफूड कहा जाता है.
अगर आप भी अपनी डाइट में हेल्दी और टेस्टी ऑप्शन शामिल करना चाहते हैं तो मोरिंगा थालीपीठ एक बेहतरीन आइडिया है. इसे ब्रेकफास्ट, लंच या लाइट डिनर में भी खा सकते हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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