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Meerut: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी स्कूल में शिक्षिका की नौकरी हासिल की. खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. चलिए आपको बताते ह…और पढ़ें

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फर्जी दस्तावेजों से टीचर बनी पाकिस्तानी महिला (image credit-canva)

हाइलाइट्स

  • उत्तर प्रदेश में पाकिस्तानी महिला का जालसाजी मामला
  • फर्जी दस्तावेजों से टीचर बनी पाकिस्तानी महिला
  • तीन महीने से है फरार, पुलिस की तलाश जारी

Meerut: कश्मीर में हुए पहलगाम टेरर अटैक ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. जिसके बाद अब देशभर से पाकिस्तानी लोगों को वापस उनके मुल्क जाने का आदेश दिया गया है. इस बीच बरेली के शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जहां एक पाकिस्तानी महिला अपनी नागरिकता छुपारक सरकारी स्कूल में शिक्षिका बनी और अब फरार हो गई है. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.

दरअसल, महिला की पहचान 43 वर्षीय शुमायला खान के रूप में की गई है. जो की मूल रूप से पाकिस्तान की नागरिक है. पाकिस्तानी महिला के खिलाफ तीन महीने पहले मुकदमा दर्ज किया गया था.  पुलिस तीन महीने से उसकी तलाश कर रही है लेकिन उस महिला का कोई सुराग नहीं लग सका. पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी हासिल की.

बनाया फर्जी डॉक्यूमेंट
उसने यह नौकरी पाने के लिए महिला ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था, जो उसने Rampur के एसडीएम ऑफिस से प्राप्त किया था. इसके बाद उसने उस प्रमाण पत्र को अपनी असल पहचान के रूप में पेश किया और शिक्षिका के तौर पर नौकरी शुरू कर दी. हालांकि, स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) द्वारा पिछले साल अक्टूबर में इस मामले की जांच की गई, तो पता चला कि शुमायला खान के माता-पिता पाकिस्तानी नागरिक हैं. इसके बाद स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग ने उसे नौकरी से निलंबित कर दिया और बाद में सेवा से बर्खास्त भी कर दिया.

तीन महीने से फरार
अधिकारियों ने बताया कि, शुमायला खान ने बरेली के फतेहगंज पश्चिमी के माधोपुर इलाके में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य किया. उसकी मां, महिरा अख्तर उर्फ, जो 1992 से Rampur जिले के सईद नगर ब्लॉक में सरकारी शिक्षक के तौर पर कार्यरत थीं, 2015 में बर्खास्त हो गईं. माहिरा की शादी 1979 में एक पाकिस्तानी नागरिक से हुई थी, लेकिन बाद में वह 1981 में तलाक लेकर भारत वापस आ गई थीं.

पुलिस की तलाश जारी
इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने शुमैला को तीन महीने पहले राजस्थान के जैसलमेर में ट्रेस किया. लेकिन वह वहां से भी भागने में सफल हो गई. पुलिस ने Rampur और आस-पास के क्षेत्रों में छापेमारी की, लेकिन शुमायला का कोई सुराग नहीं मिला. मेरठ के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शुमायला पर धोखाधड़ी, जालसाजी, और सरकारी दस्तावेजों की नकल जैसे कई गंभीर आरोप हैं. डीएम अविनाश सिंह ने इस मामले में जांच रिपोर्ट मांगी. Basic Shiksha Adhikari (BSA) संजय सिंह ने बताया कि शुमैला की नौकरी पर छानबीन करने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया था और अब उसकी सैलरी रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

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सालों से भारत में रह रही थी पाकिस्तानी महिला, फेक डॉक्यूमेंट दिखा किया कांड

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