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Gaya News: बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में एंटीबायोटिक दवाओं का गलत इस्तेमाल आम है, जिससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध बढ़ता है. ग्रामीण चिकित्सक कमलेश कुमार ने बताया कि हर रोग में एंटीबायोटिक का सेवन नहीं करना चाहिए.
हाइलाइट्स
- एंटीबायोटिक का गलत इस्तेमाल शरीर को कमजोर कर सकता है.
- बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक दवा न लें.
- वायरल फीवर में एंटीबायोटिक का सेवन हानिकारक हो सकता है.
कई ग्रामीण क्षेत्रों में बिना डॉक्टरी पर्ची के भी एंटीबायोटिक दवाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं, जिससे लोग बिना डॉक्टर की सलाह के इनका सेवन कर लेते हैं. कुछ लोग सर्दी या फ्लू जैसी वायरल बीमारियों के लिए भी एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करते हैं. एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक और गलत इस्तेमाल, एंटीबायोटिक प्रतिरोध को बढ़ावा देता है, जिससे भविष्य में संक्रमणों का इलाज करना मुश्किल हो सकता है. जब बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं, तो वे दवा के प्रभाव से बच जाते हैं, जिससे संक्रमण ठीक होने में अधिक समय लग सकता है या यह जानलेवा भी हो सकता है.
एंटीबायोटिक दवाइयों के सेवन का लाभ और हानि तथा इसके दुष्प्रभाव के बारे में गयाजी जिले के बांकेबाजार के विशुनपुर गांव के ग्रामीण चिकित्सक कमलेश कुमार जिनका 25 साल का चिकित्सा में अनुभव है. लोकल 18 से बातचीत में बताया हैं कि एंटीबायोटिक दवाई का सेवन हर समय हर रोग में इस्तेमाल करने की चीज नहीं है.
उन्होंने बताया कि मरीज को किसी तरहकी बीमारी है, तो सबसे पहले वह चिकित्सक से संपर्क करें अगर उनके अंदर टाइफाइड मलेरिया पाइल्स, ग्लाइंड टीबी समेत कई घातक रोग में एंटीबायोटिक दवा का सेवन किया जा सकता है. कमलेश कुमार की माने तो वायरल फीवर या मौसम में बदलाव के कारण शरीर में हल्के-फुल्के दर्द हो तो एंटीबायोटिक दवा का सेवन न करें.
उन्होंने बताया कि मरीजों को एंटीबायोटिक दवा उनके बॉडीवेट के अनुसार दिया जाना चाहिए. नहीं तो इसका साइड इफेक्ट भी हो सकता है. मरीज कमजोर पड़ जाता है और उसके अंदर अलग तरह करो उत्पन्न हो जाता है. इन्होंने बताया एंटीबायोटिक या किसी भी तरह के दवा खाने के बाद बेचैनी हो रही है. अजब गजब महसूस होती हैं, तो उन्हें तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए.
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