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Satyanashi Plant Benefits: सत्यानाशी प्लांट को बुढ़ापे में भी जवानी लाने वाला चमत्कारी पौधा माना जाता है. इसके पत्ते, फूल, फल सभी सेहत के लिए रामबाण माने जाते हैं. कई रिसर्च में पाया गया है कि यह पौधा एजिंग प्र…और पढ़ें

सिर्फ 21 दिनों में नपुंसकता दूर कर सकता है यह पौधा ! बुढ़ापे में भी ला देगा जवानी, कलियुग में धरती पर वरदान

सत्यानाशी का पौधा सेहत के लिए वरदान से कम नहीं है.

हाइलाइट्स

  • सत्यानाशी पौधा नपुंसकता दूर करने में मददगार हो सकता है.
  • आयुर्वेद के अनुसार यह पौधा बुढ़ापे में भी जवानी ला सकता है.
  • सत्यानाशी के औषधीय गुणों को मॉडर्न साइंस भी मानता है.

Benefits of Satyanashi Plant: कई जड़ी-बूटियां इतनी शक्तिशाली होती हैं कि उनके आगे अंग्रेजी दवाएं फेल हो जाती हैं. प्राचीन काल से ही भारत में जड़ी-बूटियों का भंडार रहा है और इनमें एक से बढ़कर एक औषधीय गुण होते हैं. जड़ी-बूटियां ही नहीं, बल्कि पेड़-पौधों में भी अद्भुत गुण पाए जाते हैं. आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा प्रणालियों में ऐसे अनेक पौधों का वर्णन मिलता है, जो गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज करने में असरदार रहे हैं. इसी तरह एक सत्यानाशी प्लांट (Satyanashi Plant) है. इसे वैज्ञानिक भाषा में आर्गेमोन मैक्सिकाना कहा जाता है. यहर एक कांटेदार पौधे के रूप में जाना जाता है. लेकिन इसके औषधीय गुणों के कारण इसे देसी दवाओं का कारखाना कहा जा सकता है.

सत्यानाशी प्लांट के फूल, पत्ते, तना और जड़ सभी में शक्तिशाली औषधीय तत्व पाए जाते हैं, जिनका उपयोग स्वास्थ्य सुधार के लिए किया जा सकता है. आयुर्वेद और चरक संहिता जैसे प्राचीन ग्रंथों में सत्यानाशी का उल्लेख इसके औषधीय उपयोगों के लिए किया गया है. आज भी भारत के कई ग्रामीण क्षेत्रों में इस पौधे का उपयोग देसी इलाज में किया जाता है. यह पौधा दुनिया भर में अनेक आयुर्वेदिक और हर्बल दवाएं तैयार करने में उपयोग किया जाता है. माना तो यह भी जाता है कि सत्यानाशी के फूल और पत्तों का सेवन करने से महज 21 दिन में पुरुषों की नपुंसकता दूर हो सकती है और यहे बुढ़ापे में भी जवानी ला सकता है. इसे एंटी-एजिंग गुणों से भरपूर माना जाता है.

सिर्फ आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा प्रणाली ही नहीं, बल्कि मॉडर्न साइंस भी सत्यानाशी प्लांट के फायदों का लोहा मानता है. नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की रिपोर्ट के अनुसार सत्यानाशी में अनगिनत औषधीय गुण होते हैं. सत्यानाशी प्लांट के तने और पत्तियों से मेथनॉलिक अर्क निकाला जाता है, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है. यह अर्क कई तरह के संक्रमण, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर और स्किन डिजीज से राहत दिलाने में बेहद असरदार माना जाता है. इतिहास गवाह है कि प्राचीन काल में इस पौधे का उपयोग कैंसर जैसी जटिल बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता था.

मॉडर्न साइंस के शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि सत्यानाशी में एंटी-कैंसर और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं. कुछ शोधों में यह भी देखा गया है कि यह पौधा एचआईवी (HIV) जैसे खतरनाक संक्रमणों से भी बचाव में सहायक हो सकता है. सत्यानाशी पौधे में एल्कलॉइड, फ्लेवोनोइड, ग्लाइकोसाइड, टेरपेनोइड और फेनोलिक कंपाउंड्स जैसे औषधीय तत्व पाए जाते हैं. ये सभी तत्व शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक होते हैं. इनमें सूजन कम करने, संक्रमण से बचाव करने और कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने की शक्ति होती है. इसलिए यह पौधा कलियुग में वरदान माना जाता है.

सत्यानाशी के अर्क में एंटी-डायबिटिक गुण भी होते हैं. कुछ रिसर्च में यह पाया गया है कि इसका सेवन ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. यह विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है. आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार सत्यानाशी के पत्तों से तैयार किया गया अर्क नपुंसकता की समस्या को दूर करने में मदद करता है और यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. पुरुषों के लिए यह पौधा वरदान माना जाता है. इस पौधे को शारीरिक शक्ति बढ़ाने, एंटी-एजिंग प्रभाव लाने और पुरानी बीमारियों से राहत देने के लिए भी उपयोग किया जाता है. इसके उपयोग से त्वचा लंबे समय तक जवान बनी रह सकती है और शरीर की ऊर्जा बनी रहती है.

सत्यानाशी प्लांट के सैकड़ों फायदे हैं, लेकिन इसका सेवन बेहद सावधानी से करना चाहिए. यह पौधा विषैला भी होता है और अधिक मात्रा में सेवन करने पर नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए इसे केवल योग्य आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर की सलाह पर ही प्रयोग करना चाहिए. सत्यानाशी एक ऐसा पौधा है, जिसे आयुर्वेद ने सदियों पहले पहचाना और आज विज्ञान भी इसके लाभों को मान्यता दे रहा है. सही मार्गदर्शन के साथ इसका उपयोग किया जाए, तो यह पौधा किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है.

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अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

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